जयपुर न्यूज: बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद से बीजेपी डैमेज कन्ट्रोल में जुटी दिखाई दी. अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद मैदान में उतरे दिखाई दिए हैं. नड्डा ने पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को साफ कह दिया है कि पार्टी से ही उनकी पहचान है, न कि नेताओं से पार्टी की पहचान है.


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राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस दो टूक मैसेज में पार्टी ने अपना नजरिया साफ जता दिया है. पिछले दिनों जालोर में सामूहिक इस्तीफों के बाद पार्टी ने जिस तत्परता से मण्डल अध्यक्षों की नियुक्ति की उससे भी संदेश इसी बात का है कि पार्टी का फैसला अटल है और इसमें बैक गियर नहीं लिया जाएगा.



बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कल उदयपुर और जोधपुर संभाग के दौरे पर रहे. संभाग में संगठन से जुड़े 13 जिलों के कोर कमेटी पदाधिकारियों की अहम बैठक ली. पदाधिकारियों के साथ पार्टी की वर्तमान स्थिति, चुनाव और उसके लिए रणनीति के साथ ही एकजुटता को भी परखा. नड्डा ने बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद हो रहे विरोध को खारिज किया. बीजेपी अध्यक्ष ने नेताओं और पदाधिकारियों को दो टूक कह दिया कि पार्टी से उनकी पहचान है, न कि नेताओं से पार्टी की पहचान.


 लोकसभा चुनाव का रोड मैप बताया


इसके साथ ही नड्डा ने 2023 के चुनावों को आगामी लोकसभा चुनाव का रोड मैप भी बताया. उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा में जीतेंगे तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को फिर से पीएम की कुर्सी पर बिठाने में मजबूती मिलेगी. नड्डा ने नेताओं से कमल के फूल के नीचे एकजुट होने का आह्वान किया. इस बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के साथ ही पूर्व सीएम और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे और केन्द्रीय मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत दूसरे प्रमुख चेहरे भी मौजूद रहे.


नड्डा ने कहा कि चुनाव में सबको टिकिट नहीं मिल सकता. कोई एक व्यक्ति ही प्रत्याशी बन सकता है. ऐसे में जिसे भी टिकट मिले, उसके साथ पूरे संगठन को लगना होगा. नड्डा ने कहा कि हर पदाधिकारी को चुनाव बनाने-बिगाड़ने वाले समीकरणों को ध्यान रख मोर्चा पहले से ही संभालना होगा. किसी की नाराजगी दूर करनी है तो इसका तोड़ ढूंढकर रखें और आगे बढ़ें.


बीजेपी अध्यक्ष ने युवाओं और महिलाओं को ज्यादा संख्या में जोड़ने का आह्वान किया. एक बार फिर बूथ जीता तो चुनाव जीता का मंत्र देते हुए नड्डा ने कहा कि पार्टी ने दायरा बढ़ाने की कोशिश की है, लेकिन फिर भी कोई क्षेत्र रहा है तो वहां पर पहुंचे. नड्डा ने उदयपुर और जोधपुर में पौने तीन सौ से ज्यादा नेताओं से संवाद किया.


उदयपुर और जोधपुर की तर्ज पर जेपी नड्डा अपनी बैठकों का दायरा दूसरे संभागों तक भी लेकर जाएंगे. पार्टी जहां एक तरफ अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है तो वहीं पार्टी के भीतर हो रहे विरोध को शांत करना भी चुनौती है लेकिन इस चुनौती से भी पार्टी को ही निपटना होगा और उसके लिए संगठन सर्वोपरि का मन्त्र ही बीजेपी नेताओं का ब्रह्मास्त्र दिख रहा है.


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