जयपुर न्यूज: आगामी 25 नवंबर को होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान 50 प्रतिशत यानी की 26 हजार से अधिक मतदान केंद्र पर तीसरी आंख से जिम्मेदारों की नजर रहेगी.करीब ढाई करोड़ से अधिक मतदाता पहली बार आईपी कैमरे (इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरा) के पहरे में वोट डालेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2018 में संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर आईपी कैमरे लगाए गए थे.लेकिन इस बार साधारण मतदान केंद्रों पर आईपी कैमरे से वेबकास्टिंग की जाएगी. जिला मुख्यालय पर बैठे अफसरों से लेकर मुख्य निर्वाचन विभाग के अधिकारी और दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारी मतदान केंद्र की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख सकेंगे.



विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्रों पर होने वाली गड़बड़ी रोकने, लड़ाई-झगड़े और शरारती लोगों के घुसने और देरी से वोट डालने के लिए आने वालों पर तीसरी आंख की नजर रहेगी. 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रदेशभर में 3 हजार मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गई थी लेकिन इस बार 26 हजार मतदान केंद्रों की लाइव तस्वीरें संबंधित जिला मुख्यालय से लेकर जयपुर और दिल्ली तक निर्वाचन से जुड़े अधिकारी देख सकेंगे.


प्रदेश भर में 52 हजार मतदान केन्द्रों में से 26 हजार 84 पर आईपी कैमरे लगेंगे.करीब ढाई करोड़ से अधिक मतदाता आईपी कैमरे के पहरे में वोट डालेंगे. हालांकि इस दौरान इस बात को ध्यान रखा जाएगा की मतदान की गोपनीयता प्रभावित हुए बिना कक्ष के अन्दर प्रवेश से लेकर मतदाता के बाहर निकलने तक की हर गतिविधि रिकॉर्ड किया जा सके.


जयपुर समेत अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर व कोटा-भरतपुर को 6 जोन में बांटा गया है.प्रदेश में 200 रिटर्निंग ऑफिसर, 33 डीईओ और सीईओ को मतदान केन्द्रों की मॉनिटरिंग करना आसान होगा.जयपुर जिले में 19 विधानसभा 4 हजार 681 पोलिंग बूथों में 2 हजार 341 बूथों से लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी.


मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की माने तो स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन विभाग ने मतदान केन्द्रों पर लाइव वेब कास्टिंग करवाने की व्यवस्था की है. प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में 13 हजार 995 वल्नरेबल और क्रिटिकल मतदान केंद्रों को चिन्हित किया गया है.


इन समेत कुल 26 हजार 84 मतदान केन्द्रों पर पर लाइव वेबकास्टिंग को सुचारू चलाने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति, चालू हालत में विद्युत पावर पॉइंट, टेली कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.


चयनित मतदान केंद्रों से लाइव वेब कास्टिंग को जिला स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारी, राज्य स्तर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय और राष्ट्रीय स्तर पर भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी लाइव देख सकते हैं.


लाइव वेबकास्टिंग के संचालन के लिए उप जिला निर्वाचन अधिकारी जिला प्रशासनिक नोडल अधिकारी होंगे. जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चयनित मतदान केंद्रों की संख्या के अनुसार सूचना सहायक, तकनीकी कर्मी या अन्य योग्य कार्मिकों को भी नियुक्त किया जाएगा. ये तकनीकी कर्मी वेब कास्टिंग अधिकारी कहलाएंगे और वेब कास्टिंग की व्यवस्था संभालेंगे.


चुनाव के दौरान क्रिटिकल बूथ घोषित करने का एकमात्र कारण यह नहीं कि यहां बूथ कैप्चरिंग हुई थी या झगड़े हुए थे. इसके पीछे उन सभी घटनाक्रम को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है, जो अप्रत्याशित रहती है. मसलन, बूथ पर 90 प्रतिशत से अत्यधिक पोलिंग पर आयोग सतर्क हो जाता है.यही नहीं दस प्रतिशत से कम पोलिंग होना भी संदेह पैदा करता है.


ऐसे कई कारणों के मद्देनजर प्रदेश में चुनाव आयोग ने तेरह हजार से अधिक बूथों पर विशेष नजर रखना तय किया है. हालांकि इनमें सबसे अधिक संख्या उन्हीं बूथों की हैं, जहां कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका रहती है.बूथ पर किसी एक ही प्रत्याशी के पक्ष में 75 प्रतिशत से अधिक वोट पड़ने पर उस बूथ को निगरानी की श्रेणी में लिया जाता हैं.


अधिक पोलिंग को लेकर इस बार 1015 बूथों को निगरानी में रखने का निर्णय लिया हैं.दस प्रतिशत से कम पोलिंग वाले बूथ सबसे अधिक टोंक और धौलपुर में हैं. यहां तीन बूथ ऐसे हैं जहां पर पिछले चुनावों में कोई डालने ही नहीं आया.चुनाव आयोग ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया की इस क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए.जिसके विरोध में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया.


इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं की इस तरह की बात अभी सामने आ रही हैं तो उसके निस्तारण के प्रयास किए जाएं.


उधर संवेदनशील मतदान केन्द्रों को चार श्रेणियों में बांटा गया है.इसके आधार पर भी सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं. ऐसे मतदान केन्द्र जहां फोटो मतदाता पहचान से शेष रहे मतदाताओं की संख्या 10 प्रतिशत या इससे अधिक है.ऐसे केन्द्रों को एस-1 श्रेणी में रखा गया है.


ऐसे मतदान केन्द्र जहां परिवार सहित अनुपस्थित मतदाताओं की संख्या निर्धारित मापदंड से अधिक है उसे एस-2 की श्रेणी में रखा गया है.


जिन मतदान केन्द्रों पर 90 फीसदी से अधिक पोलिंग हुई हो या उसमें से 75 प्रतिशत मत एक अभ्यर्थी के पक्ष में गए हों उस केन्द्र को एस-3 की श्रेणी में रखा गया है.ऐसे मतदान केंद्र जहां पिछले चुनाव में पुनर्मतदान हुआ या हिंसा हुई हो उसे एस-4 की श्रेणी में रखा गया है.


बहरहाल, मतदान कक्ष में मतदान दल के बैठने वाले स्थान के ठीक ऊपर पांच फीट की दूरी पर आईपी कैमरा लगाया जाएगा.इसमें मतदान कक्ष में हर पल होने वाली गतिविधि कैद होती रहेगी.आईपी कैमरे में रिकॉर्ड होने वाली गतिविधि की ऑन लाइन जानकारी जिला मुख्यालय के कंट्रोल रूम पर बैठे अधिकारी देख सकेंगे.कैमरे में मोबाइल सिम लगी होगी, जो कैमरे को इंटरनेट देगी.


ये भी पढ़ें


Rajasthan BJP third list: राजस्थान बीजेपी को लेकर दिल्ली में मंथन, 76 सीटों पर लगेगी मुहर, बढ़ने लगी धड़कनें.


Happy Karwa chauth 2023 Wishes & quotes: करवा चौथ पर इन संदेशों से अपने जीवसाथी को दें बधाई, सातों जन्म के लिए रिश्तों में घोल ले मिठास​


Mamta bhupesh filed nomination : नामांकन करने पहुंची ममता भूपेश पर JCB से बरसाए गए फूल, नॉमिनेशन के बाद बीजेपी के विक्रम बंशीवाल पर दिया बड़ा बयान