जयपुर न्यूज:  विधानसभा चुनावों को लेकर राजनैतिक दलों की ओर से उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जा रहे हैं. जयपुर ग्रामीण की बगरू विधानसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई. जो एससी के लिए रिजर्व सीट हैं. बगरू विधानसभा सीट के लिए भाजपा ने लगातार तीसरी बार कैलाश वर्मा पर दांव खेला है. वहीं कांग्रेस अभी तक अपना उम्मीदवार चयन नहीं कर पाई है. हालांकि अब देखना होगा कि कांग्रेस गंगा देवी पर भरोसा करती है या नए को मौका देती है. हालांकि बगरू से भाजपा का टिकट तय होने के बाद एससी की जातियों में भी धड़ेबंदी शुरू हो गई है.


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दूसरी बार हो सकते कैलाश, गंगा देवी आमने सामने


बगरू विधानसभा सीट पर 2018 में कांग्रेस से गंगा देवी ने भाजपा के रक्षपाल कुलदीप को हराया. फिर 2013 में गंगादेवी का टिकट काटकर उनके देवर प्रहलाद रघु को उम्मीदवार बनाया. जो भाजपा के कैलाश वर्मा से हार गए. इसके बाद 2018 में फिर कैलाश वर्मा और गंगा देवी में मुकाबला हुआ जिसमें गंगा देवी जीत गई. हालांकि अब 2023 का चुनाव भाजपा के कैलाश वर्मा और गंगा देवी के बीच होता है तो दोनों दूसरी बार लगातार आमने सामने होंगे. कांग्रेस ने अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन सीटिंग एमएलए को ही तवज्जो मिलती है तो गंगादेवी को ही टिकट मिल सकता है.



कांग्रेस से 5 उम्मीदवार


बगरू सीट को लेकर 5 उम्मीदवार हैं. जिसमें एक गंगा देवी है. इसके अलावा तारा बेनीवाल, सत्यवीर अलोरिया, बलवेंद्र सिंह रैगर, योगेश नागर भी यहां से दावेदार हैं. हालांकि भाजपा से कांता सोनवाल भी दावेदारी जता रही थी. जो रैगर समाज से आती हैं. भाजपा से कैलाश वर्मा का नाम फाइनल होने के बाद अब रैगर समाज में नाराजगी है. जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है. कैलाश वर्मा बलाई समाज से आते हैं वहीं गंगादेवी रैगर समाज से आती हैं. वहीं बगरू सीट पर देखा जाए तो रैगर समाज के सबसे ज्यादा वोट हैं. इसके अलावा कांग्रेस गंगादेवी की जगह अन्य रैगर समाज के प्रतिनिधि को उम्मीदवार बनाती है तो भी कांग्रेस को फायदा मिल सकता है.


बगरू विधानसभा सीट का जातीय गणित


बगरू विधानसभा सीट पर कुल 3,46,685 मतदाता हैं. जिसमें से 181775 पुरूष और 164910 महिला मतदाता हैं. जातियों के आधार पर देखा जाए तो रैगर समाज के 50 हजार के करीब मतदाता हैं. वहीं बैरवा 35 हजार, बलाई 15 हजार, सर्व ब्राहमण 90, जाट 35 हजार, मुस्लिम 25 हजार के करीब मतदाता बताए जाते हैं. वहीं कुल 90 के करीब एससी के मतदाता हैं. गंगा देवी ने 2018 में 5343 वोटों से जीत दर्ज की थी. रैगर समाज से टिकट नहीं मिलने पर रेगर समाज के प्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कहीं भी समाज को टिकट नहीं मिला है. जबकि दूसरे समाज को टिकट मिल चुके हैं.


गंगादेवी को लेकर नाराजगी


हालांकि बगरू विधानसभा सीट पर स्थानीय विधायक के कामकाज को लेकर लोगों में नाराजगी भी हैं. जो पीसीसी और दिल्ली तक भी देखने को मिला है. लेकिन टिकट मिलने के बाद कौन कितना विरोध करता है ये भी देखने वाली बात होगी. बगरू में हालांकि प्रमुख समस्याएं पानी की ही है. अभी बगरू के सिटी वाले इलाके में ही बीसलपुर का पानी पहुंच पाया है. अन्य लोगों को अभी भी इंतजार है.


रिपोर्टर-भरत राज 


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