Rajasthan Politics : कांग्रेस अब अपनी साॅफ्ट हिंदुत्व की छवि गढ़ रही है, हो सकता है आने वाले चुनावों में अब कांग्रेस की सभाओं में जय सियाराम के नारे सुनाई दें. वहीं भारत छोड़ो यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी का भी हिंदुत्व को लेकर एक अलग ही चेहरा और अंदाज नजर आया. इससे लगता है कि आगामी चुनावों में सरकार आम आदमी के लिए लागू की गई योजनाओं के साथ ही साॅफ्ट हिंदुत्व को भी हथियार बनाएगी. दूसरी ओर कांग्रेस के इस तरह साॅफ्ट हिंदुत्व की छवि धारण करने पर बीजेपी में खलबली मच गई है. बीजेपी नेता तंज कस रहे हैं कि श्रीराम और भारतीय त्यौहारों को नहीं मानने वाले अब वोटों के लिए जय सियाराम कह रहे हैं.


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कन्या कुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस राहुल गांधी अलग ही भूमिका में नजर आ रहे हैं. एक गंभीर राजनेता के साथ ही राहुल हिंदुत्व की छवि को चमका रहे हैं. रास्ते में आने वाले सभी मंदिरों में जहां राहुल ने पूरे हिंदू रीति रिवाज से पूजा-अर्चना कर खुद को धार्मिक व्यक्ति साबित करने का प्रयास किया. वहीं भगवा वेश धारणा कर दाढ़ी बढ़ाकर हिंदू संतों की भूमिका में दिखाई दिए. कांग्रेस ने भी जयपुर सहित कई जगह राहुल के इस रूप के पोस्ट होर्डिंग लगवाकर नारा दिया कि धर्म की जय हो. राहुल ने जगह जगह जनता और कार्यकर्ताओं से नारा भी लगवाया कि वो जयश्रीराम बोलते हैं तो जवाब में आप जय सियाराम बोलें, सीता के बिना राम कहां पूरे हैं.  


इधर राहुल की घोषणा का नतीजा दिखाई भी देने लगा है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जयपुर जिले में सभा में भीड़ से एक नहीं पांच बार ''जय सियाराम'' के नारे लगवाए. पूछने पर उन्होंने कहा बीजेपी के श्रीराम के बदले कांग्रेस का नया नारा है जय सियाराम. इससे साफ लगता है कि राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसे की चुनावी सभाओं में जयसियाराम के नारे सुनाई  दे सकते हैं.   सरकार आम आदमी के लिए लागू की गई योजनाओं के साथ ही साॅफ्ट हिंदुत्व को भी हथियार बनाएगी.  


खुद किनारा हुए तो सियाराम याद आए


इधर राहुल के नए हिंदुत्व अवतार पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल के कार्यकाल में  भारत के अपमान का काम किया. कांग्रेस ने महापुरुषों को बदनाम करने , श्रीराम को कपोल कल्पित कहने, कोर्ट में मंदिर के लिए शपथ पत्र लगाने का काम किया. ये सब कांग्रेस का चरित्र रहा है. कांग्रेस ने अब तक धार्मिक सांस्कृतिक मूल्यों को किनारे पटके रखने का काम किया. लेकिन अब जब यह खुद भी किनारा हो गए और दो राज्य में सिमट कर रह गए, तब उनकी समझ में आया कि वास्तव में कितने बड़े समाज के देवी देवताओं का अनादर करना बहुत महंगा पड़ा है.  


कटारिया ने राहुल के भगवा धारण करने और दाढ़ी बढ़ाने पर तंज कसते हुए कहा कि दाढ़ी बढ़ाने  और चंदन लगाने से कोई संत नहीं हो जाता है. संत होने के लिए बहुत जीवन में त्याग और तपस्या करनी पड़ती है और अगर संत है तो उसके लिए खुद को कहने की जरूरत नहीं होत, जनता उनको संत मानेगी. कटारिया ने कहा कि ये सब जनता के लिए केवल दिखावा है, हिंदू विरोधी हैं होने का सच जब जनता समझ गई , इसलिए अब छवि सुधारने की कोशिश हो रही है.  


भाई बहन ने राखी का त्यौहार नहीं मनाया


कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नारे लगा रहे हो यह बता दें कि कभी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी - प्रियंका गांधी ने राखी का त्यौहार मनाया. भाई बहनों ने कभी एक दूसरे को राखी बांधी है और अगर बांधी है तो उसकी एक फोटो तो जारी कर दो.   ये सिर्फ और सिर्फ सियासी पैंतरा है. कांग्रेस की जहां भी सरकार रही वहां पर तुष्टिकरण किया है. प्रदेश में चार साल से कांग्रेस की सरकार है लेकिन यहां पर तुष्टिकरण के आधार पर सरकार करवाई करती रही है. फिर करौली का मामला हो या उदयपुर का . सब कुछ सामने और साफ़ होने के बाद भी एक समाज विशेष पर गहलोत सरकार करवाई करने से बचती रही है . अब सभाओं में जय सिया राम के नारे लगा रहे हैं  .  


वोट लेने के लिए याद आ रहे जय सियाराम 


बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि देश की सनातन संस्कृति और और वह हिंदूवादी संस्कृति है , लेकिन कुछ राजनीतिक व्यक्तियों ने अपनी राजनीति स्वार्थों के लिए इस संस्कृति को नष्ट करने का काम किया साथ ही संस्कृति के विपरीत जाने का काम भी किया.   इतना ही नहीं तुष्टिकरण की राजनीति को वोट बैंक की राजनीति बनाने के लिए की संस्कृति का अपमान भी किया और प्रहार भी किया. राम लाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कई बार भगवा आतंकवाद का नारा दिया, भगवा का अपमान करने का काम किया. श्री राम का नारा लगाने वाले लोगों पर कांग्रेस की सरकार ने मुकदमा दर्ज करने का काम भी किया और अपने आप को सेकुलर बताने के लिए तरह-तरह के भेष  बदलने का काम भी किया,  लेकिन अब देर आए दुरुस्त आए  जिनके मुख से तुष्टिकरण की राजनीति शब्द निकलते थे अब वो जय सियाराम के नारे लगाए . इससे बढ़िया क्या हो सकता है.  


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