Rajasthan: सरकार बदलते ही नौकरशाही में होगा बड़ा फेरबदल, उच्च स्तर पर चल रहा मंथन
Rajasthan News: राजस्थान में नई सरकार के गठन के बाद अब नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रशासनिक सर्जरी भी शुरू करेंगे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सीएमओ में दो दिन तक चली मैराथन बैठकों को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है.
Rajasthan News: राजस्थान में नई सरकार के गठन के बाद अब नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रशासनिक सर्जरी भी शुरू करेंगे. प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अब नौकरशाही में भी फेरबदल की तैयारी चल रही है. सीएमओ से लेकर अलग-अलग जगहों पर आईएएस-आईपीएस, आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची पर सरकार में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है. यह फेरबदल बड़ी संख्या में होगा या फिलहाल छोटा, इस पर निर्णय होने के बाद सूचियां जारी हो जाएंगी.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सीएमओ में दो दिन तक चली मैराथन बैठकों को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है. नई सरकार के गठन के बाद अफसरों में भी उत्सुकता बनी हुई है लेकिन इस बार प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदलने से पहले सावधानी बरती जा रही हैं.
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पिछले दो दशकों से चले आ रहे सत्ता परिवर्तन के रिवाज को चाहे राजस्थान की जनता ने न बदला हो लेकिन नौकरशाही में परिवर्तन होना तय है लेकिन इस बार नौकरशाही में बदलाव पूरी तरह से स्कैनिंग के बाद ही होगा. इसका उदाहरण अस्थाई तौर पर सीएमओ में लगाए गए तीन आईएएस अफसरों की तैनातगी से देखा जा रहा है. पोस्टिंग से पहले भाजपा सरकार ब्यूरोक्रेट्स के चयन में सावधानी बरत रही है. पहले अफसरों की कुंडली को खंगाला जा रहा है.
दरअसल राजस्थान में सियासी बदलाव के बाद अब अफसरशाही में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. भाजपा की सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में आईएएस और आरएएस अफसरों की तैनातगी से लेकर प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी का चेहरा बदलने की तैयारी हो गई है. प्रदेश में ब्यूरोक्रेट्स को नए सिरे से नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी. सीएमओ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पसंदीदा अफसरों की एंट्री होगी.
हालांकि सीएमओ में तीन आईएएस अफसरों को अस्थाई कार्यभार देने के बाद पहली स्थाई नियुक्ति ओएसडी की गई हैं. हालांकि अस्थाई तौर पर अफसरों की नियुक्ति शब्द भी पहली बार सुनने को मिला है. आम तौर पर राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में ऐसा पहले नहीं हुआ है, जब कभी भी सरकार बदलने पर नए सीएम ऑफिस का चार्ज लेते हैं. उसी के साथ उनके सचिवों की नियुक्ति हो जाती है, जो लगभग सीएम के कार्यकाल पूरा होने तक रहती है. स्थाई तौर पर भाजपा सरकार ने दिल्ली से हाल ही में लौटे आरएएस अफसर योगेश श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का ओएसडी नियुक्त किया गया है.
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राज्य प्रशासन में सबसे ताकतवर पोस्ट होती है ओएसडी मुख्यमंत्री, इस पोस्ट पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सरकार में देवाराम सैनी और वसुंधरा राजे की सरकार में गजानंद शर्मा तैनात थे. सीएम के लगभग सभी प्रशासनिक कार्यों और आदेशों को इसी पोस्ट पर तैनात अफसर मूर्त रूप देता है. इसी के साथ गहलोत सरकार के समय सीएमओ में लगे चार आईएएस और 1 आईएफएस अफसर को एपीओ कर दिया गया है. पूर्व सीएम गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका, सचिव गौरव गोयल, आरती डोगरा, राजन विशाल और राजेश गुप्ता को एपीओ किया गया है.
उधर सरकार बदलने के साथ ही प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए करीब 42 आईएएस और आईपीएस अफसर भी राजधानी जयपुर लौटने पर विचार कर रहे हैं. राजस्थान कैडर के 21 आईएएस, 21 आईपीएस, 13 आईएफएस अधिकारी केंद्र में अलग-अलग विभागों में प्रतिनियुक्ति पर है. इनमें आईएएस वी श्रीनिवास, रोहित कु़मार सिंह, संजय मल्होत्रा, ,सुधांशु पंत, रजत कुमार मिश्रा, तन्मय कुमार, आलोक, नरेश पाल गंगवार, रोली सिंह, राजीव सिंह ठाकुर, राजेश कुमार यादव, रोहित कुमार, मुग्धा सिन्हा, प्रीतब बी यशवंत, सिद्धार्थ महाजन, टीना सोनी, मुक्तानंद अग्रवाल, अभिमन्यु कुमार केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.
वहीं, आईपीएस नीना सिंह, राजेश निर्माण, जोस मोहन, विक्रम ठाकुर, आलोक कुमार वशिष्ठ, सत्यप्रिया सिंह, जोस मोहन, नितिनदीप, संतोष चालके, के.बी वंदना, डॉन.के. जॉन्स, ममता राहुल, अमनदीप सिंह, राहुल मनहर्दन बारहठ, सत्येन्द्र कुमार, लवली कटियार, राहुल जैन, प्रीति जैन राठौड़, विनित कुमार और दीपक यादव जैसे प्रमुख अधिकारी भी शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार में प्राइम पोस्ट पर लगे अधिकारियों को भी इधर-उधर किया जाएगा और उनके स्थान पर हाशिए पर रहे नौकरशाओं को मौका देने की बात कही जा रही है. सीएमओ में तैनात अधिकारियों को एपीओ कर इसके संकेत भी दे दिए गए हैं. सरकार में उच्च स्तर पर ऐसी सूची तैयार की जा रही है, जो पिछले दस साल में पूरी तरह से दरकिनार किए गए. ब्यूरोक्रेसी में सचिव से लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव बदलेंगे. साथ ही कलेक्टर-एसपी भी बदले जाएंगे.
ऐसी सूची तैयार की जा रही है, जिसमें अफसर के आगे यह अंकित किया जा रहा है कि चुनाव में उसकी क्या भूमिका रही. उधर कुछ भारतीय प्रशासनिक सेवा के 14 और भारतीय पुलिस सेवा के दस अधिकारी दो साल से अधिक समय से एक ही पद पर हैं. सरकार बदलने के बाद सियासी चर्चाएं जोरों पर हैं कि इन अधिकारियों के पदों पर जल्द ही नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं. राजस्थान में पुराने और नए जिलों में वे ही कलेक्टर लगे हुए हैं, जो कांग्रेस सरकार ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेसी विधायक-मंत्रियों की सिफारिशों पर लगाया गया था. अब सरकार जल्द ही एक ही आदेश से लगभग सभी कलेक्टरों को बदलने की तैयारी कर रही है.
बहरहाल, नौकरशाही के गलियारों में चर्चा इस बात को लेकर भी हो रही है कि नई सरकार में कौनसे अधिकारी हैं जिन्हें सचिवालय से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. वहीं, कौन से ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें सचिवालय के अंदर पोस्टिंग दी जा सकती है. आमतौर पर पुलिस और प्रशासन के अफसर निष्पक्ष होकर ही कार्य करते हैं लेकिन कई बार किन्हीं अफसरों का राजनीतिक झुकाव हो जाता है, वो हमेशा गलत ही होता है. नई सरकार इस पर ध्यान देकर अगर बेहतर नियंत्रण के साथ काम करेगी तो अफसर उसे अच्छा परिणाम दे सकेंगे.