Jaipur: प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) को खुद सरकार ही पंगु बना रही है. रिश्वतखोरों पर 'पकड़' बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए सैंक्शन तो दे दी, लेकिन पैसा नहीं दिया. इधर पर्याप्त बजट के अभाव में संसाधन खरीदने में देरी हो रही है. 


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राजस्थान में भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. हर रोज भ्रष्टाचारी पकड़े भी जा रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में रिश्वतखोरों पर और अधिक शिकंजा कसने के लिए ब्यूरो ने कुछ संसाधन और उपकरण मांगे थे. 


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ब्यूरो की ओर से मांगे गए उपकरणों को गृहमंत्रालय की पुलिस आधुनिकीकरण योजना 2021-22 में शामिल किया गया. गृहमंत्रालय ने योजना के तहत उपकरणों के लिए बजट भी मंजूर कर दिया हालांकि ब्यूरो को संसाधनों के लिए पूरा बजट ही नहीं मिला.


- भ्रष्टाचार  निरोधक ब्यूरो ने ऑडिया-वीडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस, फोरेंसिक डाटा एक्सट्रैक्टर
- राइट ब्लॉर्क्स, इमेजिंग और डाटा रिकवरी सोल्युशन के साथ फोरेंसिक वर्क स्टेशन  
- सर्विलांस उपकरण, सीसीटीवी कैमरे, डिजिटल कैमरा आदि उपकरण मांगे थे.
- वित्त विभाग की सहमति के बाद गृह विभाग ने इन आयटमों के लिए 71 लाख 90 हजार की प्रशासनिक-वित्तीय स्वीकृति भी दे दी.
- दूसरी ओर गृह विभाग ने बीएफसी में उपकरणों के लिए केंद्रीय सहायता के रूप में 24 लाख 15 हजार और राज्य निधि के 16 लाख 10 हजार का बजट प्रावधान कर दिया.
- ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सामने परेशानी आ गई कि 71.90 लाख के उपकरण 40.25 लाख में कैसे खरीदें ?
- ब्यूरो की ओर से हाल ही गृह विभाग को पत्र लिख कर अतिरिक्त बजट प्रावधान करने की मांग की गई है
- दरअसल उपकरणों के लिए 71.90 लाख रुपए केंद्रीय सहायता के रूप में मिले थे, इसमें राज्य अंश ही नहीं थे.
- अब ब्यूरो ने केंद्रीय सहायता के 47 लाख 75 हजार रुपये और राज्य निधि के 16 लाख 10 हजार रुपये का अतिरिक्त प्रावधान मांगा है.