Jaipur news: पीएचईडी में इंजीनियर्स की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है.चीफ इंजीनियर से लेकर जेईएन तक के पदों को सरकार कम कर सकती है.क्योकि भजनलाल सरकार पिछली कांग्रेस शासन के 6 महीने का रिव्यू कर रही है.ऐसे में इंजीनियर्स को बडा झटका लग सकता है.आखिरकार जलदाय विभाग में प्रमोशन को लेकर कहां पेच फंसा है.


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डीपीसी के साथ नए पद उलझे
पीएचईडी में नए पदों पर विवाद. आपसी उलझन में डीपीसी अटकी...अब इंजीनियर्स की उम्मीदों पर फिरेगा पानी...! जलदाय विभाग में इंजीनियर्स के बीच आपसी भीतरघात इतना जबरदस्त है कि यहां प्रमोशन को लेकर हर साल विवाद गहराता है.इस वित्तीय वर्ष भी कुछ ऐसी कहानी दोहराई गई.अबकी बार तो नए पद और डीपीसी को लेकर ही विभाग के आला अफसरों की उलझने बढ गई है.पिछली कांग्रेस सरकार ने चीफ इंजीनियर्स से लेकर जेईएन तक के 76 पद बढ़ाए गए थे.अब भजनलाल सरकार इन पदों को रिव्यू कर रही है.संभवतया रिव्यू के बाद इंजीनियर्स के पद घटाए जा सकते है.जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी का कहना है कि हमे शिकायते मिली है कि अनावश्यक पद बढ़ाए गए है,रिव्यू के बाद विभाग फैसला लेगा.



पिछली सरकार में इन इंजीनियर्स के पद बढाए-


पद             वर्तमान पद वृद्धि कुल पद


मुख्य अभियंता 8             3 11


अति.मुख्य अभियंता  29 10 39


अधीक्षण अभियंता  85 45 130


अधिशासी अभियंता  472 18 490


सहायक अभियंता  1671 76 कम हुए 1595


कनिष्ठ अभियंता  1143 57 1200


नए पदों को छोड 79 पदों पर होनी है डीपीसी
नए पदों को छोड़कर देखा जाए तो पुराने 79 इंजीनियर्स की डीपीसी इस साल होनी है,जिसमें 1 चीफ इंजीनियर,5 एडिशनल,5 सुपरिटेंडेंट इंजीनियर,37 एक्सईएन,27 एईएन,चीफ केमिस्ट के 1,जूनियर केमिस्ट के दो पदों की डीपीसी होनी है.लेकिन भजनलाल सरकार ने पिछली सरकार के फैसलों पर 3 महीने बाद कमेटी से रिपोर्ट मांगी,ऐसे में इस साल की डीपीसी खटाई में जा सकती है.हालांकि जिन इंजीनियर्स की डीपीसी होनी है,उसमें अधिकतर इंजीनियर इसी साल रिटायर्ड हो रहे है.


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