Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ अंता थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रमोद जैन भाया की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा है कि मामले में पुलिस अपना अनुसंधान जारी रख सकती है. 


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चुनाव में जनता को किया गुमराह 
याचिका में कहा गया कि रामेश्वर खंडेलवाल ने गत 2 जनवरी को अंता थाने में याचिकाकर्ता और नगर पालिका के चेयरमैन मुस्तफा खान के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता और मुस्तफा खान ने मिलीभगत कर आमजन को लुभाकर वोट लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों से टेंडर प्रक्रिया अपनाई.  वहीं, फर्जी टेंडर प्रक्रिया से प्रायोजित वर्क आर्डर व संपन्न कराए विकास कार्य से चुनाव में जनता को गुमराह किया. 



आचार संहिता लागू होने के बाद भी टेंडर ओपन 
रिपोर्ट में कहा गया कि 9 अक्टूबर, 2023 को आचार संहिता लगने के बाद प्रमोद जैन भाया ने मिलीभगत कर प्रतिबंधित टेंडर ओपन कराए. इसके अलावा नोटशीट में काट छांट कर बैक डेट में कार्रवाई दिखाई, जबकि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी तरह में टेंडर प्रक्रिया नहीं की जा सकती. एफआईआर को चुनौती देते हुए कहा गया कि रिपोर्ट राजनीतिक द्वेषता के चलते दर्ज कराई गई है. वहीं, एफआईआर में याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध साबित नहीं है. इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.


रिपोर्टर- महेश पारीक


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