Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि यदि आदेश की पालना नहीं होती है तो प्रमुख राजस्व सचिव हाजिर होकर इस संबंध में स्पष्टीकरण दें कि आदेश की पालना क्यों नहीं की गई. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश शिवराज सिंह बुंदेला और हरिओम भार्गव की अवमानना याचिका पर दिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह बडे आश्चर्य की बात है कि डेढ साल बीतने के बाद भी अब तक अदालती आदेश की पालना नहीं की गई. ऐसे में दो सप्ताह में आदेश की पालना की जाए अन्यथा प्रमुख राजस्व सचिव हाजिर होकर शपथ पत्र पेश कर पालना नहीं करने के कारणों की जानकारी दें.


अवमानना याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पटवारियों ने भू अभिलेख पद पर पदोन्नति देने में भेदभाव करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने 15 सितंबर, 2021 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता पटवारियों को भू अभिलेख निरीक्षक के पद पर पदोन्नति देने और उन्हें पदस्थापित करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद विभाग की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई.


इस पर याचिकाकर्ताओं ने गत वर्ष अवमानना याचिका दायर कर आदेश की पालना सुनिश्चित करने को कहा था. अवमानना याचिका में हाईकोर्ट की ओर से संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी हो चुके हैं, लेकिन अब तक आदेश की पालना नहीं की गई.


ऐसे में अवमानना के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आदेश की पालना के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया. इस पर अदालत ने तीन मई तक आदेश की पालना करने अन्यथा प्रमुख राजस्व सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं.


ये भी पढ़ें- Supreme Court: एकल पट्टा प्रकरण में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और गृह सचिव को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस