Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 करोड़ रुपए की फिरौती मामले में जमानत से इंकार किया है.जस्टिस अशोक कुमार जैन ने यह आदेश आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि प्रकरण में अनुसंधान लंबित है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.


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याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि गत 28 जनवरी को जी क्लब में हुई फायरिंग के मामले में याचिकाकर्ता को निरुद्ध किया गया.  उसे अधिक दिनों तक बाल सुधार गृह में नहीं रखा जा सकता. इसके अलावा प्रकरण में किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई है.


ऐसे में उसके खिलाफ हत्या का प्रयास का मामला भी नहीं बनता है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि पांच करोड रुपए की फिरौती के मामले में आरोपी ने खुलेआम क्लब में फायरिंग की थी.


जिसकी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी में भी हुई है. याचिकाकर्ता ने 17 राउंड फायरिंग कर दहशत फैलाने का काम किया था. वहीं, याचिकाकर्ता घटना से पहले और घटना के बाद लॉरेंस ग्रुप के बदमाशों से लगातार संपर्क में था.


वह इतना शातिर है कि मामले में पुलिस की ओर से पकड़े जाने के बाद उसने रास्ते में पेशाब का बहाना बनाकर फरार होने की कोशिश भी की थी. ऐसे में पुलिस ने उसके पांव में गोली मारकर काबू किया था. प्रकरण में फिलहाल अनुसंधान भी लंबित है.


यदि उसे जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसकी याचिका खारिज की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है. 


Reporter- mahesh pareek


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