Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने कैदियों के कल्याण से जुड़े मामले में अदालती आदेश का पालन नहीं होने पर अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को तलब किया है. अदालत ने एसीएस को 22 सितंबर को पेश होकर इस संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.


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सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पालना रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि नए जेल नियमों के लिए गत 22 जुलाई को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी सितंबर माह के अंत तक ड्राफ्ट बिल प्रशासन को सौंप देगी. इसके अलावा डूंगरपुर, अकलेरा, चूरू के राजगढ़ और हनुमानगढ जेल में नए बैरक बनाए जा रहे हैं. वहीं, खुली जेल में भी निर्माण कराया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि पेट्रोल पंप खोलने के लिए 18 जेल चिन्हित की गई हैं. इनमें से जयपुर, कोटा, अलवर भरतपुर और अजमेर जेल में पेट्रोल पंप खोलने के लिए सहमति मिल चुकी है.


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जयपुर में 5 जुलाई 2020 को पंप खोला जा चुका है. इसका विरोध करते हुए न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था कि मार्च 2020 तक नए जेल नियम विधानसभा से पारित हो जाएंगे. इसके अलावा चालानी गार्ड की भर्ती भी पूरी कर ली जाएगी. इसके बावजूद अब तक न तो जेल नियम बने और ना ही अन्य निर्देशों की पालना हुई. इस पर अदालत ने कहा कि प्रकरण में मुख्य सचिव को तलब कर स्पष्टीकरण मांगना चाहिए.


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महाधिवक्ता ने कहा कि मुख्य सचिव को बुलाने की आवश्यकता नहीं है. उनके बजाए किसी अन्य अफसर को बुलाया जा रहा है. इस पर अदालत ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि जेल में मोबाइल मिलने और कैदियों के कल्याण को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था. वहीं सुनवाई के दौरान अदालत ने 45 बिन्दुओं पर दिशा-निर्देश दिए थे.


Reporter- Mahesh Pareek