Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने केंद्र सरकार को कहा है कि उसे प्रदेश को ऑक्सीजन परिवहन (Oxygen transport) के लिए पर्याप्त संख्या में टैंकर उपलब्ध कराने पर विचार करना चाहिए. 


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इसके साथ ही केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि प्रदेश के भीतर या पास के ऑक्सीजन प्लांट से राज्य सरकार को ऑक्सीजन आवंटन किया जाए, ताकि उसके परिवहन में समय बर्बाद न हो. 


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मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति (Indrajit Mahanty) और न्यायाधीश सतीश शर्मा (Satish Sharma) ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए हम विश्वास करते हैं कि केंद्र सरकार दवा और ऑक्सीजन का समय पर आवंटन करेगी, जिससे एक भी व्यक्ति इससे प्रभावित न हो. 


क्या कहना है अदालत का
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन की मात्रा, परिवहन और दवाओं को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष आंकड़ों सहित मांग पेश करे. वहीं केंद्र सरकार एक्टिव मरीजों की संख्या के हिसाब से उस पर तत्काल कदम उठाए. केंद्र सरकार किए गए आवंटन को अगली किस्त में समायोजित भी कर सकती है. 


अदालत ने कहा कि महामारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बखूबी काम कर रही हैं. यह समय एक दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात व भिवाडी से ऑक्सीजन दे रहा है, लेकिन टैंकर की उपलब्धता नहीं होने के चलते ऑक्सीजन परिवहन में परेशानी हो रही है. इसके अलावा केंद्र एक्टिव मरीजों के अनुपात में न तो ऑक्सीजन दे रहा है और न ही आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवा रहा है. ऐसे में केंद्र को निर्देश दिए जाए कि वह समय पर सप्लाई के साथ ही परिवहन के लिए टैंकर उपलब्ध कराए. 


क्या कहना है केंद्र सरकार का
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि अब केस कम होने लगे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हो रही है. केंद्र सरकार हर राज्य को उचित मात्रा में आवंटन कर रही है. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने सुझाव दिया कि हर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होना चाहिए. खंडपीठ मामले में अब 26 मई को सुनवाई करेगी.


Reporter- Mahesh Pareek