Jaipur: सीएम अशोक गहलोत की बजट घोषणा की अनुपालना में परिवहन विभाग ने 250 फास्ट चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के लिए कवायद तेज कर दी है. क्या है पूरी योजना,कब तक हो सकेगी शुरुआत.इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों की कार या अन्य वाहन महज 1 घंटे में चार्ज हो सके,इसके लिए प्रदेश में 250 फास्ट चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे. ये चार्जिंग स्टेशन राज्य में महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 250 इलेक्ट्रिक व्हीकल फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में की थी, इसे पूरा करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को मिली है. करीब 75 करोड़ रुपए की लागत से इन स्टेशनों का विकास किया जाएगा.


परिवहन विभाग ने चार्जिंग स्टेशनों के विकास के लिए तैयारी शुरू कर दी है.परिवहन मंत्री बृजेन्द्र ओला ने इस घोषणा को लेकर अधिकारियों को इसे जल्द लागू करने के लिए कहा था,जिससे आमजन को जल्द राहत मिल सके.


 इस दिशा में राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड यानी रील ने परिवहन विभाग को चार्जिंग स्टेशन लगाने का प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव के आधार पर परिवहन विभाग ने रील को ऑफर दिया है.


अब रील विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चार्जिंग स्टेशन लगाने की कवायद तेज करेगा. दरअसल अभी यह मॉडल तय होना बाकी है कि चार्जिंग स्टेशनों के विकास पर कितना खर्चा आएगा. चार्जिंग स्टेशनों से होने वाली आय को लेकर रिवेन्यू शेयरिंग के बारे में निर्णय होना बाकी है.


फास्ट चार्जिंग स्टेशन का फायदा क्या ?
- सीएम की घोषणा के तहत बनेंगे 250 फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन
- फास्ट चार्जिंग स्टेशन से महज 1 घंटे में 80 फीसदी तक चार्ज होगा वाहन
- दिल्ली रोड पर शाहजहांपुर से जयपुर होकर अजमेर तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर
- यहां हर 25 किमी पर एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाया जाएगा
- इसके अलावा पुष्कर में भी फास्ट चार्जिंग स्टेशन बनेंगे
- प्रदेश के प्रमुख हाईवेज और पर्यटन स्थलों पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन बनेंगे
- रील के प्रस्ताव पर परिवहन विभाग ने क्रियान्वयन के लिए एक कमेटी बनाई
- वित्तीय सलाहकर महेन्द्र भूकर की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी
- कमेटी तय करेगी किन स्थानों पर कब लग सकेंगे चार्जिंग स्टेशन


ये भी पढ़ें- डूंगरपुर जिला अस्पताल में 15 नई मशीनों का इंस्टालेशन,अब निजी सेंटर्स से मिलेगा छुटकारा


फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए ऑपरेशन और मेंटीनेंस का कार्य रील द्वारा किया जाएगा. चार्जिंग स्टेशन पर कार, बस और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग की सुविधा मिल सकेगी. एक चार्जिंग स्टेशन पर करीब 30 लाख रुपए की लागत आ सकती है. हालांकि अभी इन चार्जिंग स्टेशनों के लिए जमीन मिलना बाकी है, माना जा रहा है कि रील ज्यादातर जगहों पर जमीन लीज पर लेकर चार्जिंग स्टेशन विकसित करेगा.


 वित्तीय सलाहकार महेन्द्र भूकर की अध्यक्षता में अब कमेटी यह तय करेगी कि रील किस मॉडल के तहत इन चार्जिंग स्टेशनों को विकसित करेगी. वहीं, चार्जिंग स्टेशनों से जो आय होगी उसे किस आधार पर बांटा जाएगा.