Rajasthan: राजस्थान में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. आम चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता 6 जून तक प्रभावी है. इसी कारण प्रदेश में आम लोगों के कई काम अभी भी अटके हुए हैं. जिससे आम लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है. आचार संहिता के चलते ऐसे काम भी अटके हुए हैं. जिससे दूसरे राज्यों में चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. इसी को लेकर राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक और जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता को पत्र लिखकर आचार संहिता के दौरान कुछ इमरजेंसी कार्यों के लिए छूट की मांग की थी. जिसमें गर्ग ने लिखा है कि आचार संहिता में जल, विद्युत आपूर्ति और मौसमी बीमारियों की रोकथाम हो या अन्य ऐसे काम हो जिससे दूसरे राज्यों में मतदाता प्रभावित नहीं होते हो, ऐसे कार्यों को चिन्हित कर उन्हें छूट दी जाए.


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आचार संहिता के चलते ये काम अटके
राजस्थान में 25 लोकसभा के चुनाव संपन्न हो गए, लेकिन आचार संहिता के चलते सरकारी भर्तियों के परिणाम, प्रशासन शहरों के संग अभियान के पट्टे, खाद्य सुरक्षा, मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना, सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी पेंशन योजनाओं से जुड़े काम प्रभावित हो रहे हैं. इसके सथ ही 7 भर्ती परीक्षाओं के परिणाम अटके हुए हैं. 50 हजा से ज्यादा भूखंडधारियों को पट्टो का इंतजार है. करीब 7 हजार निर्माण स्वीकृतियां रूकी हुई है.


7 लाख अभ्यर्थी परिणाम का इंतजार कर रहे
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि राजस्थान में कर्मचारी चयन बोर्ड की करीब 7 भर्तियों का आचार संहिता के चलते परिणाम अटका हुआ है. जिसमें करीब 17 हजार से ज्यादा पद शामिल हैं. जिसमें करीब 7 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इनमें सूचना सहायक, एएनएम भर्ती, जीएनएम भर्ती, कृषि पर्यवेक्षक भर्ती, जूनियर अकाउंटेंट, राजस्व लेखाकार, संगणक भर्ती और सीएचओ की भर्ती शामिल है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने मुख्य निर्वाचन अधिकारी में ज्ञापन देकर मांग की है कि आचार संहिता में परिणाम जारी करने के लिए छूट दी जाए.


पट्टे देने का काम ठंडे बस्ते में
जेडीए और नगर निगम की ओर से भी प्रशासन शहरों के संग अभियान का काम रूका हुआ है. जेडीए के सभी जोनो में करीब 18500 और नगर निगम में करीब 1900 प्लाटों को पट्टे देने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई लेकिन आचार संहिता के चलते ये काम अभी नहीं हो पा रहे हैं. इसके साथा ही नाम हस्तांतरण, निर्माण स्वीकृतियां, यूडी टैक्स में छूट और बिना छूट वाले पट्टों की 10 हजार पत्रावलियां अटकी हुई है. जबकि इसमें आचार संहिता कहीं आड़े नहीं आती है.


जरूरी काम के लिए आयोग से दी जा रही स्वीकृतियां
आचार संहिता में जरूरी काम के छूट की मांग को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि आचार संहिता में छूट के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनी हुई है. जिसके तहत संबंधित विभाग काम की इंपोर्टेंस बताते हुए छूट की मांग करता है तो आयोग की ओर से अनुमतियां दी जा रही है. अब तक करीब 50 से ज्यादा पीएचईडी, बिजली, स्वास्थ्य विभाग के कार्यों को मंजूरी दी जा चुकी है.