Rajasthan Lok Sabha Election 2024: प्रदेश में मतदान केन्द्रों पर शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान को लेकर चुनाव को लेकर निर्वाचन विभाग से लेकर जिला निर्वाचन तैयारियां कर रहा है. मतदाताओं को जागरूक करने से लेकर मतदान दिवस पर मतदान केंद्रों की निगरानी को लेकर काम किया जा रहा है. प्रदेश में 53 हजार 126 मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए एक्स रे तैयार किया है. इनमें से 50 फीसदी पोलिंग बूथ यानि की 27 हजार पोलिंग बूथ पर लाइव वेबकास्टिंग होगी और करीब 390 पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जिन बूथों पर मोबाइल नेटवर्क डिस्टर्ब है. वहां पुलिस के वायरलैस काम आएंगे. 


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लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेशभर में 53 हजार 126 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जहां 19 और 26 अप्रैल को लोकतंत्र के उत्सव के दिन 5 करोड़ 33 लाख मतदाता सुबह सात से शाम छह बजे तक स्मूथली वोटिंग करेंगे. इनमें से करीब 13 हजार संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं. 


वहीं, इनमें से करीब 390 मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जो कि दुर्गम क्षेत्र या घने जंगलों में हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क तक नहीं आता. ऐसे मतदान से संबंधित कोई भी सूचना देने के लिए पुलिस के वायरलैस सेट लगाए जाएंगे या फिर एक अतिरिक्त कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाएगी, जो कि नेटवर्क क्षेत्र में जाकर मतदान प्रतिशत सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी संबंधित अधिकारी और चुनाव नियंत्रण कक्ष को देगा. 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि कम्युनिकेशन शेडो जोन के मतदान केंद्रों पर इंटरनेट या मोबाइल सिग्नल नेटवर्क की सुविधा नहीं होने से वहां पर निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप वेब कास्टिंग नहीं हो पाएगी लेकिन इन मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने के साथ मतदान दिवस के दिन वीडियोग्राफी कराई जाएगी. 


उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में शेडो श्रेणी के मतदान केंद्रों की संख्या 400 से ज्यादा थी लेकिन कुछ जगहों पर मोबाइल टॉवर लगने से नेटवर्क की समस्या खत्म होने से इनकी संख्या कम हुई है. गुप्ता ने बताया कि लोकसभा चुनाव में 27 हजार पोलिंग बूथ पर तीसरी आंख से नजर रखेगा. 


ये तीसरी आंख सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनकी रिकार्डिंग का लाइव प्रसारण वेबकास्टिंग की मदद से होगा, जिसे मतदान दिवस के दिन जिला मुख्यालय पर बैठे निर्वाचन विभाग के अधिकारी, जयपुर में निर्वाचन विभाग के अधिकारी और दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारी मतदान के दौरान बूथों पर सभी मूवमेंट की जानकारी पर नजर रख सकेंगे.....इस दौरान किसी भी तरह की मतदान केंद्र पर अवांछित गतिविधि दिखाई देगी तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी......


प्रदेश में भीलवाड़ा, हनुमानगढ, जालौर, टोंक, धौलपुर, चूरू जिले में सभी मतदान केंद्रों पर नेटवर्क है इसलिए इन जिलों में कोई भी मतदान केंद्र शेडो जोन में नहीं हैं. किसी ना किसी टेलीकॉम कंपनी का नेटवर्क इन जिलों में काम करता है, जबकि उदयपुर में 82 के करीब ऐसी जगह हैं, जहां मोबाइल का नेटवर्क बहुत वीक है या काम नहीं करता है. 


इसी तरह सिरोही में तीस, राजसमंद में 21, बाडमेर में 48 और जैसलमेर में 45, करौली में 35, जयपुर में दो, झुंझुनूं में दो, झालावाड में दो और नागौर में एक मतदान केंद्र को पुलिस-जिला प्रशासन ने नेटवर्क विहीन मानते हुए शैडो बूथ की श्रेणी में शामिल किया है. इन मतदान केंद्रों को चिह्नित कर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने की कार्ययोजना बनाई गई है. इन शैडो बूथों पर पुलिस जवानों के साथ-साथ सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी. 


मतदान के दौरान वीडियो ग्राफी भी करवाई जाएगी. यहां जवानों को वायरलेस सेंट उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे एक-दूसरे से कनेक्ट रहकर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ कर सकें. विशेष निगरानी दल भी इन क्षेत्रों में मतदान के दौरान बार-बार निरीक्षण करेंगे. कम्युनिकेशन शैडो जोन ऐसे क्षेत्र को कहते हैं, जहां किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क काम नहीं करता. साथ ही उस क्षेत्र में इंटरनेट एक्सेस भी नहीं हो पाता. यदि किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क मौजूद हो तो वह कम्यूनिकेशन शैडो जोन फ्री माना जाता है. 


बहरहाल, लोकसभा चुनाव को सकुशल निपटाने के लिए हर बिंदु पर तैयारी की जा रही हैं. मतदान के दौरान अराजक तत्व कोई गड़बड़ी न करें और सही समय पर नेटवर्क विहीन वाले मतदान केंद्र से सूचना न मिल सकें. इसके लिए कम्युनिकेशन शेडों जोन के मतदान केंद्रों पर वायरलेस सिस्टम से लैस किया जा रहा है. कहीं भी कोई घटना या गड़बड़ी की जानकारी मिलेगी तो तत्काल एक्शन हो सकें.  


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