Rajasthan: हिन्दु पंचाग के अनुसार आज यानि की 28 अक्टुबर को शरद पूर्णिमा मनाया जा रहा हैं. आज की शरद पूर्णिमा चंद्रग्रहण के साये में होगी. यानि की आज की मध्यरात्रि 01:05 से मध्यरात्रि 02:24 तक चंद्र ग्रहण का प्रभाव पड़ने वाला है. यह चंद्रग्रहण भारत समेत, यूरोप एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत, हिंद महासागर और सहित विभिन्न स्थानों पर देखा जाएगा. 


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ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत के कई हिस्सों पर दिखाई देगा. इस चंद्र ग्रहण का अलग ही नजारा देखा जाएगा. भारतीय समय के अनुसार 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि 01:05 पर आरंभ हो कर 02:24 पर समाप्त होगा. 1 घंटा 19 मिनट तक चलने वाला यह चंद्र ग्रहण एक अलग प्रकार का मोक्ष काल होगा. ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर से आरंभ हो जाएगा, इस बार लगने वाला यह चंद्र ग्रहण मेष राशि, अश्विनी नक्षत्र, के उपर इसका प्रभाव होगा. ग्रहण और सूतक के दौरान जाप करना चाहिए, और चांद को काले चश्मे के बिना नहीं देखना चाहिए. 


आपको बता दें कि यह ग्रहण इस बार विशेष योग लेकर आया है, जो कि गजकेसरी योग के मध्य हो रहा है. ज्योतिष ने कहा इस चंद्र ग्रहण के दौरान सर्व सिद्धि योग बना हुआ है, जो कि हृदय स्तोत्र के पाठ से और अधिक प्रभारशाली होगा. यह ग्रहण बहुत लोगों के लिए लाभप्रद रहेगा तो वही बहुत लोगों के लिए कष्टप्रद रहेगा. ज्योतिष के अनुसार वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, मकर और कुंभ राशि के  लोगों के लिए बहुत लाभप्रद रहने वाला है, वही बाकी राशियों के लिए यह कुछ खास नही होने वाला हैं, वे लोग आज हनुमान चालीसा का पाठ कर और दान पुण्य इसके दोष को कम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कल ग्रहण मुक्त होने के बाद सवेरे सनान आदि करके ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन  दान करना चाहिए. 


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उन्होंने कहा शरद पूर्णिमा को चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है. अमृत भरा चंद्रमा किरणें छोड़ता है. जिसकी वजह से सदियों से चली आ रही है परंपरा के अनुसार रात को खीर बनाकर के छत पर रखा जाता हैं, और उसके बाद उसको प्रसाद के रूप में लेते हैं. यह भी माना जाता है कि आज के दिन से आप ठंडा खा सकते हैं. वही खीर औषधि के रूप में काम करती है मगर इस बार चंद्र ग्रहण सूतक लग जाने के कारण खीर बनाकर के भोग नहीं लगा सकते.