Rajasthan Roadways News: दुर्लभ रोगों से पीड़ित बच्चों की समस्याओं के समाधान को लेकर रोडवेज प्रशासन ने एक विशेष पहल की है.  इस मुहिम में रोडवेज ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों के साथ उनके एक सहयोगी को अब रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा देने की बात कही है. इसके लिए उन्होंने  प्रस्ताव सरकार के पास भिजवाया है. इस प्रस्ताव के जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है.  बता दें कि रोडवेज प्रशासन ऐसी करीब 14 श्रेणियों में रियायती यात्रा की सुविधा दे रहा है. 


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चिकित्सा विभाग की सिफारिश के आधार पर रोडवेज प्रशासन ने सार्वजनिक बसों में दुर्लभ रोगों से ग्रसित बच्चों के साथ उनके एक परिजन को फ्री यात्रा की सुविधा के लिए  प्रस्ताव भिजवाया है. रोडवेज प्रशासन ने परिवहन विभाग के  जरिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इसमें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी  रोग से पीड़ित बच्चों के साथ उनके एक परिजन को नि:शुल्क यात्रा कराने के लिए सिफारिश की गई है.


क्या है  मस्कुलर डिस्ट्रॉफी 
 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के रोगी की शारीरिक स्थिति अत्यधिक कमजोर होने के कारण एक सहयोगी का साथ होना जरूरी है. इसके लिए पिछलें दिनों चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थीं. बैठक के दौरान रोडवेज प्रशासन से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चों की यात्रा पर हुए खर्च और उनके सहयोगी को अनुमति दिए जाने पर संभावित खर्च की जानकारी मांगी थी. जवाब में रोडवेज प्रशासन ने बताया है कि, दिसंबर 2023 में इस रोग से पीड़ित  कुल 243  मरीजों ने यात्राएं की थी. वहीं साथ ही यह भी बताया कि अगर नि:शुल्क सुविधा दी जाएगी तो  इसका वित्तीय भार 23,554 रुपए रहा. यदि रोगी के साथ एक सहयोगी को भी नि:शुल्क यात्रा सुविधा दी जाती है तो इतना ही यानी 23500 रुपए का अतिरिक्त भार प्रतिमाह आएगा.


मई 2021 से 14 श्रेणियों में नि:शुल्क यात्रा सुविधा


- स्वलीनता, मल्टीपल स्कलरोसिस, प्रमस्तिष्क घात
- क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन, बौनापन, हीमोफीलिया/अधिक रक्तस्राव
- तेजाब हमला पीड़ित, पार्किंनास रोगी, बहु निःशक्तता (अंधता एवं बहरा)
- स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी, थैलेसीमिया, मांसपेशीय दुर्विकार
- सिकिल सेल डिजीज, वाक एवं भाषा नि:शक्तता


- इन श्रेणियों के रोगियों को रोडवेज बसों में है नि:शुल्क यात्रा सुविधा
- इनमें थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, कैंसर रोगी के सहयोगी को भी रियायत
- सहयोगियों को किराए में मिल रही है 50 फीसदी की रियायत


गौरतलब है कि, इन श्रेणियों के लोगों को राजस्थान रोडवेज की एक्सप्रेस बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है. खास बात यह है कि इनके लिए राजस्थान राज्य की सीमा की भी बंदिश नहीं है. यानी राजस्थान से बाहर जाने वाली बसों में भी इन्हें नि:शुल्क यात्रा सुविधा मिल रही है. हालांकि, नि:शुल्क यात्रा की सुविधा केवल एक्सप्रेस बसों या रात्रिकालीन बसों में ही मिल पा रही है. सुपरलग्जरी वोल्वो बसों में कोई रियायत नहीं दी जाती.


 अब इसी तरह रोडवेज प्रशासन ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के मामले में राहत देने के लिए प्रयास शुरू किए हैं. रोडवेज की कार्यकारी निदेशक यातायात डॉ. ज्योति चौहान ने परिवहन विभाग के मार्फत राज्य सरकार से मस्कुलर डिस्ट्राॅफी के सहयोगियों को नि:शुल्क यात्रा के लिए पत्र लिखा है.