राजस्थान- जेजेएम मिशन में बड़ा फर्जीवाड़ा, काम पूरा होने से पहले ही xen ने की फर्जी भुगतान की तैयारी
JJM Fraud News: जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की है, जिसे लेकर प्रदेश में कई बार फर्जीवाड़े हुए है. इस बार यह फर्जीवाड़ा राजसमंद के आमेट खंड में सामने आया है.
Rajasthan News: राजस्थान के जल जीवन मिशन में एक बार फिर से फर्जीवाड़ा सामने आया है. इंजीनियर ने राजसमंद के आमेट खंड में पाइपों के फर्जी भुगतान की तैयारी की. जांच के बाद में तत्कालीन एक्सईएन रामलाल मीणा को निलंबित कर दिया है.
यह भी पढ़ेंः अनूपगढ़ में शिक्षकों और पुलिस के बीच धक्कामुक्की, सड़क को किया जाम, MLA ने SDM को लगाई फटकार
70% फर्जी भुगतान की तैयारी
हर घर तक पानी पहुंचाने वाले जल जीवन मिशन में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है.राजसमंद के आमेर खंड में पाइपों के क्वालिटी और फर्जी भुगतान का मामला विभाग की जांच में उजागर हुआ है.जहां तत्कालीन एक्सईएन रामलाल मीणा ने Quality Assurance Plan अनुमोदन से ढाई महीने पहले ही फैक्ट्री का इंस्पेक्शन कर फर्म भगवती इरिगेशन को 70 प्रतिशत भुगतान की प्रक्रिया की.फर्जीवाड़े के बाद में उप सचिव गोपाल सिंह ने एक्सईएन रामलाल मीणा को सस्पेंड कर दिया है.अलवर के जल जीवन मिशन को लेकर लेकर जी मीडिया ने उजागर किया था.
ये है पूरा मामला-
तत्कालीन एक्सईएन रामलाल मीणा ने 9 जुलाई को भगवती इरिगेशन फैक्ट्री का इंस्पेक्शन किया.इसके बाद 6 अगस्त को पाइपों की इनवॉइस जारी की.25 अगस्त को पाइपों के 70 प्रतिशत भुगतान सत्यापित किए.जबकि 29 सितंबर तक भगवती इरिगेशन फैक्ट्री में 90 और 75 एमएम पाइपों का उत्पादन प्रक्रियाधीन था.एक्सईएन ने भगवती फर्म से मिलीभगत कर पहले ही घटिया क्वालिटी के पाइप बिछा दिए.नियमों को ताक पर रखकर काम किए.
क्वालिटी और विजिलेंस विंग कब जागेगी?
सरकार ने जलदाय विभाग ने अनियमितताओं को रोकने के लिए क्वालिटी और विजिलेंस विंग का गठन किया हुआ है.क्वालिटी का जिम्मा चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता और विजिलेंस विंग की जिम्मेदारी राकेश लुहाडिया को दी हुई है.लेकिन दोनों ही विजिलेंस विंग केवल शिकायतों ही पर ही कार्रवाई कर रही है.विजिलेंस विंग में अधीक्षण अभियंता सुधीर बंसल को लगा रखा है,जिनके पास सीपीओ का चार्ज भी है.जबकि क्वालिटी कंट्रोल में मुकेश गर्ग,आलोक गुप्ता को जिम्मेदारी दी हुई है.सालों से दोनों विंग में इंजीनियर्स जमे हुए है.केवल मुख्यालय में बैठकर ही जांच करते है.विंग अनियमितताओं को रोकने के लिए खुद से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.केवल मुख्यालय में बैठकर मामलों को रफा-दफा किया जाता है.ऐसे में विभाग में हो रही अनियमित्तताओं पर लगाम कैसे लगेगी?
यह भी पढ़ेंः देश उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार सांसद महंत बालक नाथ पहुंचे अलवर, BJP की जीत को लेकर कही ये बात