Rajasthan News: कारागार विधेयक पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा विधेयक नखहीन दंत हीन है. कोर्ट के दबाव में मजबूरी में लाया जा रहा है कारागार विधेयक.जिस खुली जेल से लेकर पूरे जेल वातावरण को  बदलने का काम कर रहे हैं.


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इसके लिए एक रुपए का भी प्रावधान किया गया है क्या? चुनाव की घोषणा से पहले आनन-फानन में लाए बिल,पहले क्यों नहीं लेकर आए?जस्टिस अमिताभ राय कमेटी ने जेलों के आमूलचूल सुधार के लिए ड्राफ्ट तैयार किया. राज्य सरकार ने जेल सुधार के इन सुझावों को लागू नहीं किया.नए विधेयक में राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय,सरकार की नीति है और नए नियम.


जेलों से गैंगस्टर व्हाट्सएप,मोबाइल चलाते हैं और अपने गुर्गों से अपराध करवाते हैं.जेलों में कुख्यात अपराधी लारेंस विश्नोई अपने साथी से बात कर है. आरोप आरोप जेल के अधिकारियों ने राजस्थान के जिलों को अपराधियों की अंशिका बनाई वह अपराधी रंगदारी के लिए धमकी देने का काम कर रहे हैं, 


2010-11 में उदयपुर जोधपुर अजमेर भरतपुर में जेल में जैमर लगाए गए 2जी स्पेक्ट्रम के लगाइए. जयपुर सेंट्रल जेल घनी आबादी के बीच के आसपास सभी कंपनियों के टावर लगे हैं ऐसे में जैमर कैसे काम करेगा.


राठौड़ ने कहा कि जेलों में बंद 65% कैदी समय पर अदालत में पेश नहीं होते. भरतपुर में कुलदीप जघीना कांड में ने कहा था कि मेरी हत्या हो सकती है, लेकिन फिर भी बस में पेशी पर ले जाएगी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा लागू करनी चाहिए जेलों में. 


जेल के प्रहरी भी इंसान है आपके सामने भूखे रहकर गुहार लगा चुके हैं. उनकी मांगे क्या है क्या नहीं है उनसे वार्ता तो करते. कारागार मंत्री टीकाराम जूली ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि जेलों में लाइब्रेरी पर खोल रहे हैं.  किसी व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सकती है तो पुस्तकें. संयम लोढ़ा ने लाइब्रेरी को अच्छा बताया तो उप नेता प्रतिपक्ष ने उसको गलत बताया. आप सब लोगों ने कहा कि जेलों में जैमर काम नहीं कर रहे. जैमर पिछली सरकार ने,आपकी ही सरकार ने खरीदे थे जैमर.ऐसे में क्या कारण है कि आप अपने पूर्व जेल मंत्री को टारगेट करना चाहते हैं.


राजस्थान में रिवाज बदलेगा


मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि कर्नाटक में राज बदला है राजस्थान में रिवाज बदलेगा.कारागार मंत्री ने  कहा कि वर्तमान में राज्य में 129 वर्ष पुराना प्रशासन एवं प्रबंधन कारागार अधिनियम – 1894 एवं 63 वर्ष पुराना राजस्थान बंदी अधिनियम – 1960 प्रभावी हैं. इन अधिनियमों में समय-समय पर किये गए विभिन्न संशोधनों को एकजाई कर राजस्थान कारागार विधेयक - 2023 लाया गया है. यह विधेयक बंदियों के साथ ही जेलों में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कार्य करेगा.


राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर 


कारागार मंत्री ने कहा कि खुले शिविर के मामले में राजस्थान पूरे देश में पहले स्थान पर है. देश के लगभग 40 प्रतिशत खुले बंदी शिविर राजस्थान में हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जेलों में बंदियों द्वारा एलईडी बल्ब बनाये जा रहे हैं,जो बाजार से कम दाम पर उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही डूंगरपुर एवं झालावाड़ में नई जेलों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.


पेशी की सुविधा उपलब्ध


जूली ने बताया कि जेलों में सुविधाओं का विस्तार तीव्र गति से किया जा रहा है. प्रदेश की 96 प्रतिशत जेलों में वीसी के माध्यम से पेशी की सुविधा उपलब्ध है और जल्द ही शेष जेलों में भी यह सुविधा स्थापित कर ली जाएगी. साथ ही, जेलों में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासनिक, पुलिस एवं न्यायिक अधिकारियों द्वारा निरन्तर निरीक्षण किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लापरवाही पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है, ऐसे कुछ मामलों में अधिकारियों-कर्मचारियों को निलम्बित एवं बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की गई है.


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