Rajasthan: कोटा में बढ़ते कोचिंग स्टूडेन्ट्स के सुसाइड मामलों में सख्त हुए CM गहलोत, संवाद के दौरान संचालकों दी कड़ी चेतावनी
Rajasthan: छात्र-छात्राओं के बढ़ते सुसाइड के मामलों को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आवास पर 6 कोचिंग संचालकों के साथ साथ अधिकारियों के साथ बैठक की. करीब 2 घंटे से भी ज्यादा चलें इस संवाद में कोचिंग संचालकों को सख्त निर्देश दिए.
Rajasthan: छात्र-छात्राओं के बढ़ते सुसाइड के मामलों को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आवास पर 6 कोचिंग संचालकों के साथ साथ अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही कोटा में बढ़ रहे छात्रों के सुसाइड मामलों पर चिंता व्यक्त की. करीब 2 घंटे से भी ज्यादा चलें इस संवाद में कोचिंग संचालकों के साथ-साथ शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान और मुख्य सचिव उषा शर्मा , एडीजी दिनेश एम एन, और डीजी उमेश मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री गहलोत के सामने अपने अपने सुझाव दिए.
बैठक में सबकी बात सुनने के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि बच्चों के सुसाइड का मामला अकेले राजस्थान का ही विषय नहीं है बल्कि ये कई राज्यों का है, जहां पर यह लगातार बढ़ रहे हैं और यह सभी की चिंता का विषय है. क्योंकि यहां पर हर राज्य से पढ़ने के लिए बच्चे आ रहे है. एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक देश भर में 13 हजार से ज्यादा छात्र छात्राओं ने आत्महत्या की है जिनमें महाराष्ट्र में 1034, कर्नाटक में 855 और उड़ीसा में 834 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की है अगर एक भी बच्चा चला जाए तो यह सभी के लिए दुख की बात है.
सुझावों के लिए बने कमेटी
मुख्यमंत्री गहलोत ने छात्र-छात्राओं के सुसाइड रोकने के लिए एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इस कमेटी में कोचिंग संचालकों, अभिभावकों और बच्चों के मां-बाप सुझाव लिया जाएं साथ ही दुनिया भर में कहीं भी सुसाइड मामले रोकने के लिए नवाचार चल रहे हो तो उन्हें अपनाया जाए और 15 दिन के भीतर यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाए.
राजनीतिक दलों के लिए करते हैं सर्वे
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आईआईटी कर चुके लोगों का भी ट्रेंड बदल चुका है यह लोग अब मूल काम करने के बजाए राजनीतिक दलों के लिए सर्वे करते है, पॉलिटिकल पार्टियों के लिए अलग-अलग तरीके से कैंपेन करते हैं.
बच्चों को लगना चाहिए कि अपने ही घर में हैं
अशोक गहलोत ने कोचिंग संचालकों से कहा कि 15 वर्ष की उम्र में माता-पिता बच्चों को कोचिंग के लिए भेज देते हैं वह मां-बाप से दूर रहते हैं इसलिए कोचिंग संचालकों का फर्ज है कि उन्हें घर जैसा माहौल उपलब्ध करवाया जाए उन्हें लगना चाहिए कि उनके घर के लोग उनके साथ हैं और पढ़ाई के साथ -साथ खेलकूद और अन्य एक्टीविटीज में रखना चाहिए जिससे कि उनका शारीरिक विकास भी हो. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि एक भी बच्चा सुसाइड नहीं करें ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए, पर हम सभी को एक साथ मिलकर बच्चों साथ खड़ा होना होगा.
यह भी पढ़ें-
विधायक शोभारानी कुशवाह को राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से मिली राहत, गिरफ्तारी पर रोक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी गारंटी, जनता को किया आगाह, बोले- 45 दिन बाद आचार संहिता...