Jaipur News: विधायक शोभारानी कुशवाह को राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से मिली राहत, गिरफ्तारी पर रोक
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Jaipur News: विधायक शोभारानी कुशवाह को राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से मिली राहत, गिरफ्तारी पर रोक

Jaipur News Today: राजस्थान हाईकोर्ट ने धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह को राहत देते हुए धौलपुर के मथुरा गेट थाने में दर्ज धोखाधड़ी की एफआईआर में निचली अदालत की ओर से शोभारानी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगाई है.

Jaipur News: विधायक शोभारानी कुशवाह को राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से मिली राहत, गिरफ्तारी पर रोक

Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह को राहत देते हुए धौलपुर के मथुरा गेट थाने में दर्ज धोखाधड़ी की एफआईआर में निचली अदालत की ओर से शोभारानी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगाई है. जस्टिस अनिल उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश शोभारानी की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता नासिर अली नकवी ने अदालत को बताया कि 13 जनवरी, 2017 को श्याम बाबू शर्मा नाम के व्यक्ति ने एक कंपनी के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर शिकायत दी थी. इस पर मथुरा गेट थाना पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406 और 120बी में मामला दर्ज किया. वहीं जांच के बाद पुलिस ने याचिकाकर्ता के पति बनवारी लाल कुशवाहा के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया. इसके अलावा पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ जांच लंबित रखी. 

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वहीं निचली अदालत ने 18 अक्टूबर, 2022 को आरोप पत्र पर प्रसंज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ भी प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए. वहीं इस आदेश को चुनौती देने पर अपीलीय अदालत ने रिवीजन को खारिज कर दिया. 

याचिका में कही गईं ये बातें
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का संबंधित कंपनी से कोई संबंध नहीं है और ना ही वह कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल है. वह सिर्फ कंपनी की शेयर होल्डर है. इसके अलावा अभियोजन पक्ष के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह साबित हो कि वह कंपनी के कार्यो में भाग लेती थी. याचिका में कहा गया कि कंपनी की ओर से किए गए कार्य को लेकर सिर्फ निदेशक मंडल ही जिम्मेदार होता है. 

गिरफ्तारी वारंट को रद्द किया जाए
याचिका में यह भी कहा गया कि पुलिस ने जांच कर सह आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ जांच लंबित रखी थी, उनमें भी याचिकाकर्ता का नाम नहीं है. ऐसे में निचली अदालत की ओर से जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने गिरफ्तारी वारंट की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है.

 

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