Rajasthan- मानसून की कमी के कारण राजस्थान में भी अन्य राज्यों की भांति बिजली  की मांग लगातार बढ़ रही है. विद्युत की लगातार बढ़ती मांग के कारण उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर कमी हो गई है. हालात यह है कि विद्युत उपलब्धता के लिए सभी राज्यों की एनर्जी एक्सचेंज पर निर्भरता बढ़ गई है. एनर्जी एक्सचेंज पर निर्भरता बढ़ने के फलस्वरूप एक्सचेंज से पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाने की वजह से आपूर्ति में रूकावटें आ रही है.


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वर्तमान में विद्युत की औसत खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन


बिजली आपूर्ती को लेकर प्रमुख सचिव ऊर्जा,डिस्कॉम  के अध्यक्ष भास्कर ए. सावंत ने बताया कि राज्य में वर्तमान में विद्युत की औसत खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन से भी अधिक हो गई है. विद्युत की अधिकतम मांग करीब 16000 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर 205977 मेगावाट तक दर्ज हुई है.


बिजली इकाइयों में अचानक आई तकनीकी खराबियां


राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की छबड़ा तापीय संयंत्र की 02 इकाईयां (910 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव के लिए इस समय बंद है. इसके अतिरिक्त कोटा तापीय संयंत्र की 01 (210 मेगावाट), सूरतगढ़ तापीय संयंत्र की 02 (910 मेगावाट) छबड़ा तापीय संयंत्र की 01 (250 मेगावाट) इकाईयां में अचानक तकनीकी खराबी आने की वजह से बंद है, जो कि सभंवतया 13 से 15 अगस्त तक उत्पादन शुरू कर देगी. इसके साथ ही देश के दक्षिणी राज्यों में स्थित महत्वपूर्ण तापीय संयंत्र जैसे कूडगी,कोस्टल एनर्जीन, वेल्लारी की कुछ इकाईयां बन्द है तथा पवन ऊर्जा के उत्पादन में भी लगभग 38 प्रतिषत की कमी आई है.


मानसून में कमी की वजह से बढ़ी बिजली की मांग


इस विषय पर डिस्कॉम  के अध्यक्ष सावंत ने बताया कि मानसून में कमी की वजह से विद्युत की बढती मांग , कुछ इकाइयां बन्द होने, पवन ऊर्जा के उत्पादन में कमी और एक्सचेंज से पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाने की वजह से राज्य में विद्युत व्यवस्था बनाये रखने हेतु आगामी सप्ताह में औद्योगिक, नगर पालिका क्षेत्र, जिला मुख्यालय पर घोषित कटौती के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी विषेषकर रात्रि के समय एक से डेढ़ घंटे की विद्युत कटौती संभावित है. उन्होंने बताया कि विद्युत की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिष्चित करने हेतु प्रयास किये जा रहे है.


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