Jaipur news : जयपुर-राजस्थान के जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे.चुनावी मौसम के बीच जलदाय विभाग में भ्रष्टाचार के एक और पदमचंद की पोल खुली है.PHED में 900 करोड़ के घोटाले के बाद बजरंगबली फर्म के अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया.टैंडर के नाम पर कैसे इंजीनियर्स की मिलीभगत से पूरा खेल हुआ.


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गोपाल सिंह की खामोशी टूटी तो पोल खुली
PHED में भ्रष्टाचार का एक और पदमचंद.उप सचिव गोपाल सिंह की खामोशी टूटी तो फर्जीवाड़े की खुली बडी पोल.गणपति और श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म की लूट के बाद अब बजगंरबली फर्म के अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए.जलदाय विभाग के उपसचिव गोपाल सिंह की जांच रिपोर्ट में  बजरंगबली  के दस्तावेजों में बड़ा खेल हुआ.मैसर्स बजरंगबली फर्म ने सारे नियमों को ताक पर रखकर फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बाड़मेर में 31 करोड़ के टैंडर हासिल किए.अब ACS सुबोध अग्रवाल को रिपोर्ट सौंप दी है.गोपाल सिंह खामोश थे,लेकिन जी मीडिया पर खबर चलने के बाद उन्होंने चुप्पी तोड़ी और आखिरकार फर्म के फर्जीवाड़े की पोल खोल दी. 


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ऐसे हुआ 31 करोड़ का खेल


बाड़मेर में रेतीली जमीन पर 400 ट्यूबवेल खोदने के लिए 31.28 करोड़ काम देने की प्रक्रिया शुरू की थी,जिसमें फर्म बजरंगबली कॉन्ट्रैक्ट की शिकायत हुई थी.टैंडर में एक वित्तीय वर्ष में फर्म को 10 करोड़ 42 लाख के रेतीली धरातल पर रोटरी मशीन से ट्यूबवेल खोदने का अनुभव जरूरी था.लेकिन बजरंगबली फर्म ने टैंडर में जो अनुभव प्रमाण पत्र लगाए है वो कॉम्बिनेशन स्ट्रेटा के थे,यानी रेतीले और पथरीले धरातल दोनों का अनुभव था.जबकि टैंडर शर्त के तहत फर्म को 10 करोड़ 42 लाख के रेतीले धरातल पर काम अनुभव जरूरी है.लेकिन इसके बावजूद अतिरिक्त मुख्य अभियंता जोधपुर सैकंड ने सभी नियमों का ताक पर रखते हुए मिलीभगत कर फर्म को टैंडर दे दिए.इससे पहले ये जांच चीफ इंजीनियर तकनीकी दलीप गौड़ को सौपी गई थी.


नियम क्या कहते है


पीएचईडी के 2 जुलाई 2013 सकुर्लर के मुताबिक ट्यूबवेल बनाने का काम लेने के लिए पिछले सात वर्ष में से किसी एक वित्तीय साल में निविदा राशि के एक तिहाई राशि का काम करने का अनुभव जरूरी है.अब सवाल ये है कि फर्म को ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई कब होगी?फर्म के खिलाफ एफआईआर कब होगी?वैसे भी जेजेएम पर ईडी की पैनी नजर है.