Rajasthan News: PHED की सुस्त चाल,कछुआ चाल से भी बेहद कमजोर दिखाई दे रही है,ऐसा इसलिए विभाग ने जो जांच 15 दिन में करने के लिए कहा था,वो जांच 4 महीने बाद भी नहीं हो पाई.ये जांच किसी और की नहीं,बल्कि पदमचंद और महेश मित्तल के घोटालों की है,जो एसीबी,ईडी और सीबीआई की रडार पर है और तो और पदमचंद को कल ही ईडी ने गिरफ्तार भी कर लिया है.


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18 फरवरी को हुए थे 15 दिन में जांच के आदेश
PHED को 119 दिन बाद याद पदमचंद के घोटाले की जांच की याद आई.18 फरवरी को जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने क्रॉस रीजन से जांच के आदेश निकाले थे.आदेश में कहा था कि कम से कम 10% कार्यों की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट दे.



यानि फरवरी के 12 दिन,मार्च के 31 दिन,अप्रैल के 30 दिन,मई के 31 दिन और जून के 15 दिन निकल गए.लेकिन 4 महीने बाद भी ये जांच नहीं हुई.जब एसीबी,सीबीआई,ईडी की हलचल हुई और सीएम,मंत्री ने निर्देश दिए तब जाकर जांच शुरू हुई.900 करोड के भ्रष्टाचार की जांच के लिए PHED के एडिशनल चीफ इंजीनियर फील्ड में उतरने लगे है.पदमचंद-महेश मित्तल के घोटालों की क्रॉस रीजन से जांच शुरू कर दी है.



जांच शुरू होते हुए घोटालों की परते खुलना शुरू
अलवर एडिशनल चीफ इंजीनियर ललित करोल जयपुर जिले के कार्यों की जयपुर रीजन 2 एसीई अमिताभ शर्मा दौसा,सीकर,झुंझुनू जिले की और जयपुर रीजन 1 के अतिरिक्त मुख्य अभियंता हुकुमचंद वर्मा को श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म के कार्यों की अलवर जिले में जांच कर रिपोर्ट सौंपनी है.



हालांकि जांच के दौरान पदमचंद की फर्म श्री श्याम ट्यूबवेल के गड़बड़ियों की परते भी खुलने लगी है.दौसा के गगवाना में पेयजल परियोजना में प्रथमद्रष्टया बडी खामियां मिली है.फर्म को 70 प्रतिशत भुगतान किए गए पाइप मौके से जांच टीम को गायब मिले.



वहीं थानागाजी में भी पदमचंद जैन के भारी अनियमितता की आशंका है.कल ही भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने पदमचंद गिरफ्तार किया है.इससे पहले उसके बेटे पीयूष जैन को भी भ्रष्टाचार के पैसों को ठिकाने लगाने के आरोप में गिरफ्तारी की थी.


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