Jaipur News: आश्रय संस्था के सहयोग से एवीएम अंबाबाडी स्थित आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय अब भारत का पहला डिजिटल स्कूल बन गया है. आज आश्रय के सहयोग से आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय को पूरी तरह डिजिटल बनाकर अनूठी पहल की शुरूआत की गई है. इसके तहत बच्चे एडुफ्रंट के सहयोग से डिजिटल लर्निग इकोसिस्टम पर आधारित अनूठे पायलट प्रोजेक्ट वन टैबलेट पर चालइल्ड प्रोग्राम ओटीपीसी के तहत विद्यार्थी पढ़ाई करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि संस्था की ओर से छठी से लेकर बारहवीं क्लास तक के 25 टीचर्स सहित 350 स्टूडेंट्स को टैबलेट वितरण कर क्लासेस का डिजिटलाइजेशन किया गया है. संस्था का उदेश्य ग्लोबल स्टैंडर्ड की शिक्षा देने के उद्देश्य से इस पहल की शुरुआत करने वाला आदर्श विद्या मंदिर भारत का पहला बैगलेस स्कूल बन गया है. इस पहल से विद्याभारती के करीब 3,470 स्टूडेटस लाभांवित होंगे. 


एडूफ्रंट के सहयोग से रोबोटिक्स द्वारा टैबलेट पर साइंस, टेक्रॉलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स प्रोग्राम की ट्रेनिंग देकर छात्रों को आधुनिक शिक्षा के साथ टेक्नोलॉजी में भी निपुण बनाया जाएगा.


स्टूडेंट्स टैक्स्ट बुक और ब्लैक बोर्ड के बिना टीचर्स से टैबलेट के माध्यम से सभी विषय पढ़ रहे है. आश्रय के चैयरमैन सतीश झा ने बताया कि आज के दौर में निश्चित तौर पर शिक्षा के साथ तकनीक भी बहुत जरूरी है, तकीनकी दुनिया की नई आवाज है. हमारा यही प्रयास है कि भारत के सभी बच्चों को वर्ल्ड क्लास शिक्षा मिले. भले ही वो आर्थिक रूप से सक्षम ना हो, लेकिन कोई बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे. 


आदर्श विद्या मंदिर स्कूल की प्रिंसिपल अलका जैन ने बताया कि हमे आश्रय के सहयोग से हम डिजिटल लर्निग इको सिस्टम शुरू करने वाले पहले स्कूल होने का अवसर प्राप्त हुआ है. टैबलैट और रोबोटिक्स के साथ डिजिटल क्रांति ने हमारे बच्चों की उम्मीद को बढ़ाया है.


यह भी पढ़ेंः राजस्थान में पांच दिन से नहीं मिल रहे स्टांप पेपर, वेंडर्स को नहीं मिले बिक्री रजिस्टर


यह भी पढ़ेंः Rajasthan Weather Update: राजस्थान में फिर शुरू हुआ बारिश और ओले गिरने का दौर, जानें आज कैसा रहेगा मौसम