Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज (Rajasthan Roadways) में वेतन-पेंशन के संकट और ओपीएस फंड में अनियमितताओं को लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारी महासंघ बीएमएस ने मांग उठाई है. महासंघ ने रोडवेज के कर्मचारियों और रिटायर्ड कार्मिकों को समय पर वेतन-पेंशन दिए जाने की मांग उठाई है.


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 रोडवेज कर्मचारियों का आरोप है कि वित्त शाखा द्वारा निजी कम्पनियों को तो समय पर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों को वेतन-पेंशन नहीं दिए जा रहे हैं. वहीं ओपीएस फंड को खुर्द-बुर्द करने का भी आरोप लगाया है. 


रिटायर्ड कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि आरटीआई में भी फंड के बारे में सूचना नहीं दी जा रही है. इसी तरह जयपुर डिपो में कुछ कर्मचारियों के बगैर राशि जमा करे ही उन्हें ओपीएस में शामिल कर लिया गया है. महासंघ ने रोडवेज में नियमविरुद्ध लेखा शाखा में रिटायर्ड कार्मिकों को लगाए जाने का भी आरोप लगाया है.


गौरतलब है कि  राजस्थान रोडवेज प्रशासन के पास बसों की कमी तो है ही, अब स्टाफ की कमी भी सामने आने लगी है. चालक-परिचालकों के लगातार रिटायर होने और नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं किए जाने से स्टाफ की कमी देखी जा रही है. ऐसे में अब रोडवेज प्रशासन मुख्यालय स्तर से कार्मिकों का रेशनलाइजेशन करेगा. 


रोडवेज प्रशासन के पास अब न तो अधिकारी-कर्मचारी हैं और ना ही बसें. ऐसे में जनता को सही मायनों में सुविधा कैसे मिले, यह सवाल इन दिनों रोडवेज प्रबंधन के लिए गले की फांस बना हुआ है. 


दरअसल रोडवेज वर्तमान में करीब 6300 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है. रोडवेज में अधिकारियों और कर्मचारियों के कुल 22 हजार 411 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से वर्तमान में केवल 11200 पदों पर कार्मिक कार्यरत हैं. ऐसे में वर्तमान में 11000 पद रिक्त चल रहे हैं. रिक्त पदों के चलते बसों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है.