Rajasthan News: जयपुर से दिल्ली तक की राह अब और आसान होगी और महज तीन घंटे में जयपुर से दिल्ली तक का सफर मुकम्मल होगा. जयपुर जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित और उनकी टीम ने सात दिन तक दिन-रात प्रभावितो से समझाइश कर दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे को जोड़ने वाले 67 किलोमीटर लम्बे जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जयपुर के बगराना गांव में अवाप्त भूमि पर निर्मित 250 से ज्यादा दुकानों, मकानों एवं संरचना को हटाकर एनएचएआई को हैंडओवर कर दिया है.


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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जयपुर को कनेक्ट करने के लिए बनाया जा रहा जयपुर-बांदीकुई चार लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर अक्टूबर से यातायात संचालन शुरू होने की उम्मीद है. इस बाइपास का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. 



एनएचएआई अधिकारियों की माने तो सितम्बर के आखिरी तक काम पूरा हो जाएगा और संभावना है कि अक्टूबर के आखिरी तक इसे ट्रेफिक संचालन के लिए खोल दिया जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे का काम अधिकांश काम जयपुर की सीमा में बाधित था. क्योंकि पालड़ी मीणा के पास 265 से ज्यादा स्ट्रक्चर आ रहे थे. जयपुर जिला प्रशासन ने सभी स्ट्रक्चरों को शांतिपूर्ण तरीके से हटाकर एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन को खाली करवा दिया. 



कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर बगराना गांव में अवाप्त भूमि पर बने इन 265 से ज्यादा दुकानों, मकानों एवं संरचना को हटाने का काम पूरा हो गया है और जमीन एनएचएआई को सौंप दी है. जिन लोगों के स्ट्रक्चर हटाए गए है. उसके बदले 14 करोड़ 54 लाख 86 हजार 622 रुपये का मुआवजा जारी किया है. 



राजपुरोहित ने बताया कि पूरी कार्रवाई के दौरान मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से आमजन और प्रभावितों से समझाइश और उनके सहयोग के बाद भी ये काम संभव हो पाया है. सात दिन तक चली स्ट्रक्चर हटाने की कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हुई है. जिसके लिए उन्होंने आमजन और प्रभावितों का आभार जताया. 



जयपुर जिला प्रशासन ने प्रभावितों को स्ट्रक्चर हटाने से पहले मुआवजा राशि सुपुर्द करने, प्रोजेक्ट के तहत सर्वे टीम द्वारा संरचनाओं का भौतिक सत्यापन करवाने, संरचना का मूल्यांकन करवाने, मुआवजा प्रदान करने के साथ-साथ स्ट्रक्चर को खाली करने के लिए पर्याप्त समय दिये जाने का आश्वासन दिया गया था. यही कारण है कि महज 7 दिनों में इस समझाइश से सभी स्ट्रक्चर को हटाने का कार्य पूरा किया.



एनएचएआई के प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि इस ग्रीनफील्ड एक्क्सप्रेस-वे की कुल लम्बाई करीब 67 किलोमीटर है, जो जयपुर में रिंग रोड के पास से निकलकर दौसा जिले के बांदीकुई कस्बे से कुछ किलोमीटर पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस को कलेक्टर करेगा. उन्होंने बताया कि 1 हजार 368 करोड़ की लागत से बनने वाले इस लिंक एक्सप्रेस-वे का करीब 56 किलोमीटरलेन पर डामरीकरण का काम पूरा हो चुका है. 



वर्तमान में जयपुर से दिल्ली जाने वाला अधिकांश ट्रेफिक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से होकर जाने लगा है. इस कारण जयपुर-दौसा के वर्तमान हाइवे पर ट्रेफिक जाम की समस्या बढ़ गई है. रिंग रोड दक्षिण से आने वाला हैवी ट्रेफिक अभी दो जगह पर इस हाइवे पर यू-टर्न लेता है. जिससे सबसे ज्यादा ट्रेफिक जाम रहता है. 



इस रिंग रोड से वर्तमान हाइवे और नए बनने वाले हाइवे को कनेक्टिविटी देने के लिए क्लोवर लीफ का काम शुरू करवा दिया है. इस क्लोवर लीफ पर बनने वाले चार रैंप में से दो का काम इसी साल अप्रैल में शुरू करवा दिया था, जबकि दो रैंप का काम रूका था, जो इसी महीने से शुरू करवा दिया जाएगा. 



गौरतलब है कि जिला कलेर प्रकाश राजपुरोहित ने इस पूरे काम के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) राजकुमार कस्वां, उपखण्ड अधिकारी (जयपुर-प्रथम) राजेश जाखड़, तहसीलदार पुष्पेन्द्र सिंह और पटवारी हजारी सिंह नरूका को टास्क दिया गया.



बहरहाल, इस हाइवे के बनने के बाद जयपुर से बांदीकुई तक करीब 40 मिनट में, जबकि वहां से एक्सप्रेस-हाइवे से होते हुए गुड़गांव राजीव चौक तक पहुंचने में 130 से 150 मिनट का समय लगेगा. जबकि राजीव चौक से दिल्ली पहुंचने में 30 मिनट का समय लगेगा. इस तरह जयपुर से दिल्ली तक पहुंचने में करीब साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा.



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