Rajasthan News:  राजस्थान में समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो चुके हैं. अब किसान अपनी मूंग,उड़द,सोयाबीन,मूंगफली की फसल के लिए ऑनलाइन पंजीयन करवा सकते हैं.जानें पंजीयन का क्या प्रक्रिया है. 873 खरीद केन्द्रों पर मूंग,उड़द और सोयाबीन की 1 नवम्बर से और 18 नवम्बर से मूंगफली खरीद की जाएगी.केंद्र सरकार द्वारा राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग का खरीद का लक्ष्य 2 लाख 93 हजार 865 मीट्रिक टन,उड़द का 1 लाख 35 हजार 200 मीट्रिक टन,मूंगफली का 4 लाख 80 हजार 803 मीट्रिक टन और सोयाबीन का 3 लाख 01 हजार 650 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य दिया गया है.


 पंजीयन फार्म के साथ अपलोड़ करनी होगी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मूंग का समर्थन मूल्य 8558 रुपये, उड़द का 6950, मूंगफली का 6377 और सोयाबीन का 4600 रुपये प्रति क्विंटल एफ.ए.क्यू श्रेणी का घोषित किया गया है.गुहा ने बताया कि किसान को जनआधार कार्ड नम्बर,खसरा गिरदावरी की प्रति और बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड़ करनी होगी.जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाया जायेगा,उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये मान्य नहीं होगा.उन्होंने बताया कि ई-मित्र केन्द्र भी समर्थन मूल्य योजना में किसानों का पंजीयन पूर्ण सावधानी से करें.


दूसरी तहसील में पंजीकरण मान्य नहीं होगा


किसान एक जन आधार कार्ड में अंकित नाम में से जिसके नाम गिरदावरी होगी उसके नाम से एक पंजीयन करवा सकेगा. किसान इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिस तहसील में कृषि भूमि में उसी तहसील के कार्यक्षेत्र वाले खरीद केंद्र पर उपज बेचान हेतु पंजीकरण करावें. दूसरी तहसील में पंजीकरण मान्य नहीं होगा.


अधिकतम मात्रा 8 प्रतिशत निर्धारित


प्रबंध निदेशक राजफैड संदेश नायक ने बताया कि किसान मूंग,उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली विक्रय के लिए अधिकाधिक पंजीयन करवाकर समर्थन मूल्य दलहन-तिलहन खरीद योजना का लाभ उठाये. किसान तुलाई दिनांक के समय अपनी फसल को साफ-सुथरा, छानकर क्रय केन्द्रों पर लायें भारत सरकार सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मापदण्डों के अनुसार मूंग,उड़द एवं सोयाबीन में नमी की अधिकतम मात्रा 12 प्रतिशत एवं मूंगफली में नमी की अधिकतम मात्रा 8 प्रतिशत निर्धारित है, जिन्स विक्रय के समय किसान किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए यह सुनिश्चित कर लेंवे कि उनकी जिन्स गुणवत्ता मापदण्डों के अनुकूल है.ई-मित्रों द्वारा गलत एवं तहसील के बाहर पंजीयन करने पर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी.


किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था ई-मित्र और खरीद केन्द्रों पर सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक की गई है किसान प्रचलित बैंक खाता संख्या सही दे ताकि ऑनलाइन भुगतान के समय किसी प्रकार की परेशानी किसान को नहीं हो. उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए  हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-6001 आरम्भ कर दिया गया है.


ये भी पढ़ें- राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले मिलेगा या नहीं? जानें कहां अटकी है फाइल