Rajasthan News: राजस्थान में पीएचईडी के इंजीनियर्स खुद ठेकेदार और प्रॉपर्टी डीलर बन गए हैं.एक नहीं दो नहीं बल्कि जलदाय विभाग में ऐसे कई इंजीनियर्स हैं, जो खुद ही फर्में चला रहे है.अब इन इंजीनियर्स के फर्मों के कार्यों की विभाग में सुगबुगाहट तेज हो गई है.अब ऐसे में सरकार ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच करवाएगी.आखिरकार ऐसे कौन-कौन से इंजीनियर हैं, जो खुद ठेकेदार बन गए.


खुद ही फर्में खोल ली


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जलदाय विभाग में कार्यों की गुणवत्ता की बात तो की जाती है,लेकिन धरातल पर उतर नहीं पाती,क्योंकि जलदाय विभाग के इंजीनियर्स खुद ही ठेकेदार-प्रॉपर्टी डीलर बन गए.उनका ध्यान पर पीएचईडी के प्रोजेक्ट्स पर नहीं,बल्कि इन फर्मों और खुद के प्रॉपर्टी व्यवसाय पर है.इसलिए अभियंता योजनाओं पर फोकस नहीं कर पाते.


प्रोजेक्ट्स की लापरवाही बरती जा रही है


दफ्तर में बैठने से लेकर फील्ड इंजीनियर्स ने खुद की फर्में खोल रखी है.जल जीवन मिशन की रफ्तार से लेकर दूसरे प्रोजेक्ट्स की लापरवाही बरती जा रही है.इसलिए अब विभाग में यहीं कहा जा रहा है,प्रोजेक्ट्स का नहीं है ज्ञान,पूरा ध्यान अपने कारोबार है.


इन इंजीनियर्स के ठेके-प्रॉपर्टी कारोबार


-चर्चाओं में इंजीनियर्स,1 चीफ इंजीनियर की कंसल्टेंसी फर्म
-एडिशनल चीफ इंजीनियर की RUIDP में बेटे के नाम से फर्म
-एक एसई का मुंबई और जगतपुरा में प्रॉपर्टी डीलर का कारोबार
-विजिलेंस के एक एसई का प्रॉपर्टी व्यवसाय,22 प्लॉट की संपत्ति
-जेजेएम में कार्यरत एक अधीक्षण अभियंता की कंसल्टेंसी फर्म
-जल भवन में कार्यरत 1 अधीक्षण अभियंता की भी कंसल्टेंसी फर्म


राज्य सरकार कराएगी पूरे मामले की जांच


इस पूरे मामले पर जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से सवाल पूछा तो कहा कि इन मामलों की जांच करवाएगी.इस तरह के मामलों की गंभीरता की से चेक किया जाएगा.


जांच हुई तो हो सकते बडे खुलासे


यदि जलदाय विभाग में इंजीनियर्स की जांच होती हे तो बडे खुलासे हो सकते है,क्योकि और इंजीनियर्स के नाम पर सामने आ सकते है,जिसमें चौकाने वाले नाम सामने आ सकते है.


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