Rajasthan News: राजस्थान में मानूसन खत्म हो गया है, जिसके बाद अब बिजली कमी आ रही है. इसके चलते ऊर्जा विकास निगम एक बार फिर बिजली उधार मांगकर इस मुसीबत को टालने में लगा हुआ है.  


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प्रदेश में बिजली कमी होने की वजह से तमिलनाडू से 4235 लाख यूनिट बिजली उधार (बैंकिंग) लेने का अनुबंध किया गया है. साथ ही उत्तरप्रदेश और कर्नाटक से भी लगभग 2000 मेगावाट बिजली उधार की मांग की जा रही है. हालांकि, बिजली उधार देने में उत्तरप्रदेश की शर्तों ने उलझा रखा है. इसमें वह राहत के समय वापिस बिजली वापसी की मांग कर रहा है.


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उधार मांगी गई बिजली अक्टूबर महीने से लेकर फरवरी महीने तक सुबह 8 से दोपहर 3 बजे के बीच अलग-अलग स्लॉट में ली जाएगी. 
अब सोचने वाली बात यह है कि राजस्थान सौर ऊर्जा में सिरमौर है. यहां पर 17500 मेगावाट क्षमता के प्लांट हैं, लेकिन यहां को लोगों को बस 4500 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. 


इसी वजह से अब प्रदेश को महंगी और उधार की बिजली लेनी पड़ रही है. रबी बुवाई के मौसम में बिजली की अधिकतम मांग 18 हजार मेगावाट पहुंचने का आकलन किया जा रहा है. 


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किस राज्य से कितनी बिजली उधार लेगा राजस्थान 
तमिलनाडू- 500 मेगावाट
कर्नाटक- 400 मेगावाट
उत्तरप्रदेश-1500 मेगावाट


बता दें कि अभी उत्तरप्रदेश और कर्नाटक से बैंकिंग प्रस्तावित हैं क्योंकि उत्तरप्रदेश विद्युत निगम का कहना है कि अप्रैल से जून महीने में उन्हें रात के समय बिजली वापस चाहिए, जबकि रात के वक्त ही राजस्थान में भी बिजली की मांग रहती है. इसके चलते अभी इस बात पर विचार किया जा रहा है. 


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राजस्थान में एक बार मानसून के दौरान ही बिजली डिमांड 3100 लाख यूनिट चली गई थी. इसे पूरा करने के लिए फिर से एक्सचेंज से बिजली खरीदी जा रही है. वहीं, कुछ दिन पहले यह डिमांड 300 से 400 यूनिट कम थी. फिलहाल में पवन ऊर्जा की वजह से कुछ राहत मिली हुई है. इनदिनों एक दिन में अधिकतम 596 लाख यूनिट पवन ऊर्जा मिली है.