Rajasthan News: इस वित्त वर्ष में मुख्य सचिव सुधांश पंत का राजस्व अर्जन करने वाले विभागों पर सबसे ज्यादा फोकस है. वे बीच-बीच में इन विभागों के राजस्व को लेकर समीक्षा करते रहे हैं. वहीं, सम्बंधित जिलों के कलेक्टर और संभागीय आयुक्तों को भी बीच-बीच में राजस्व अर्जन की समीक्षा करने के निर्देश दिए हुए हैं. सबसे ज्यादा मॉनिटरिंग खुद परिवहन विभाग के उच्चाधिकारी कर रहे हैं. 


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8100 करोड़ है परिवहन विभाग का लक्ष्य
विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा नियमित अंतराल पर तो परिवहन आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा औसतन हर कुछ दिन में राजस्व अर्जन को लेकर समीक्षा कर रही हैं. परिवहन विभाग में हो रही इस नियमित मॉनिटरिंग से राजस्व अर्जन में भी सुधार देखने को मिल रहा है. परिवहन विभाग को इस वित्त वर्ष में 8100 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य दिया गया है, जबकि अप्रैल से जुलाई तक का टारगेट 2154.58 करोड़ रुपए है. परिवहन विभाग ने जुलाई तक 2032.33 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित कर लिया है. इस तरह विभाग अब तक लक्ष्य की तुलना में 94.33 फीसदी राजस्व अर्जित कर चुका है. राजस्व लक्ष्य प्राप्ति के मामले में जयपुर का आरटीओ द्वितीय सबसे अव्वल रहा है. वहीं अलवर RTO सबसे पीछे रहा है. 



कौन आरटीओ आगे, कौन पीछे ?
जिला स्तर पर सलूम्बर जिला परिवहन कार्यालय का राजस्व अर्जन 159 फीसदी से अधिक रहा है. कोटपूतली 118 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर और किशनगढ़ जिला परिवहन कार्यालय 112 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है. प्रतापगढ़ जिला परिवहन कार्यालय सबसे फिसड्डी रहा है, जहां मात्र 68.97 फीसदी राजस्व अर्जित किया जा सका है. दूसरा सबसे पीछे आबूरोड जिला परिवहन कार्यालय है, जो जुलाई तक लक्ष्य का मात्र 78.22 फीसदी राजस्व अर्जित कर सका है, जबकि तीसरे स्थान पर डूंगरपुर जिला परिवहन कार्यालय है, जिसने 78.43 फीसदी राजस्व प्राप्त किया है. 



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