राजस्थान में पेयजल संकट बड़ी चुनौती, जालौर MLA ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, आचार संहिता में छूट की करी मांग
Rajasthan News: राजस्थान में पेयजल संकट बड़ी चुनौती बनता जा रहा है, ऐसे में मरुधरा के लोगों के कंठ सूख रहे हैं, पानी की किल्लत का सामना पशु-पक्षियों को भी करना पड़ रहा है, जालौर विधायक ने पानी और बिजली की समस्या को देखते हुए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर राहत की मांग की है.
Rajasthan News: मरुधरा में पानी का संकट है, कई जिलों में जल स्तर काफी नीचे गिर चुका है, समाधान की यदि संभावना भी है, तो प्रदेश में आदर्श आचार संहिता की वजह से पेंच फंसा हुआ है.वहीं,प्रदेश में बढ़ते जल और विद्युत संकट को देखते हुए जालौर के विधायक ने निर्वाचन आयोग से इसमें राहत दिए जाने की मांग की है.
बता दें कि राजस्थान में 4 जून तक आचार सहिंता लागू है,राजस्थान में 25 सीटों के लिए 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है, लेकिन आचार सहिंता की वजह से कई विकास कार्य प्रदेश में रुके हुए हैं. तेज गर्मी के साथ-साथ बिजली का संकट भी लोगों के सामने खड़ा हो गया है.
कैसे होगी पेयजल की आपूर्ति
इस मामले पर जालौर के विधायक व राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, निर्वाचन विभाग, राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर आदर्श आचार संहिता में छूट दिए जाने की मांग की है.उन्होंने कहा कि मतगणना के लिए अभी सवा महीने का समय शेष है,तब तक प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू रहने वाली है. ऐसे में भीषण गर्मी के चलते पेयजल की आपूर्ति एक चुनौती होती है.
निर्वाचन आयोग से मांगी अनुमति
आदर्श आचार संहिता के कारण अगले अगले सवा महीने तक यह सब कर पाना संभव नहीं होगा.विधायक जोगेश्वर गर्ग ने लिखा है कि गर्मी के मौसम में विद्युत आपूर्ति भी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है.शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तक गर्मी से राहत के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करवाना जरूरी हो जाता है. इसलिए जनहित के इन कामों को करवाने के लिए निर्वाचन आयोग इजाजत दे.