Rajasthan: राजस्थान में नई सरकार के गठन के एक माह बाद भी अब तक राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं हो पाई है.संभवतया पीएम मोदी के जयपुर दौरे के बाद राज्य के महाधिवक्ता के साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति भी की जा सकती है.राज्य में यह पहली बार है कि सत्ता बदलने के एक माह बाद भी राज्य के सबसे बड़े विधि अधिकारी की नियुक्ति नही हो पाई है. 


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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंत्रिमण्डल के रूप में अपनी टीम का गठन कर चुके है.अब अगला कदम इन मंत्रियों के विभाग के बंटवारे के साथ ही राज्य के महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्तओं की नियुक्ति करना है.


प्रमुख दावेंदारों की इस लिस्ट में शामिल हैं


पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समय संघ से जुड़े रहे एन एम लोढा महाधिवक्ता रहें है. लेकिन अब महाधिवक्ता के लिए कई नाम चर्चा में है खासतौर से पी पी चौधरी,आर के अग्रवाल, भरत व्यास, राजेश पंवार, जी एस गिल, राजेन्द्र प्रसाद, रवि भंसाली, बसंत सिंह छाबा के नाम प्रमुखता से चर्चा में है. केन्द्र सरकार के एडिशनल सॉलिस्टर ऐश्वर्या भाटी और आर डी रस्तोगी के नाम भी प्रमुख दावेंदारों की इस लिस्ट में शामिल है. 


राज्य सरकार बड़े फुंककर कदम रखेगी


सूत्रों के अनुसार इस बार प्रदेश के सबसे बड़े विधि अधिकारी की नियुक्ति में राज्य सरकार बड़े फुंककर कदम रखेगी. क्योकि हाईकोर्ट के साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में राज्य से जुड़े कई हाईप्रोफाइल केस लंबित है और इन मुकदमों को बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ एक हथियार के तौर पर प्रयोग किया था खासतौर से जयपुर बम ब्लास्ट केस, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत मानहानि मामला और जमीन से ज़ुड़े मामला शामिल है.


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