Gehlot vs Pilot : राजस्थान में सचिन पायलट के बयान के बाद एक बार फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है.सचिन पायलट के बयान के बाद महेश जोशी ने कहा कि बुत हमको कहे काफिर,अल्लाह की मर्ज़ीयह अपने आप मे काफी है.पार्टी आलाकमान की गाइडलाइन है. ऐसे में मैं ज्यादा नहीं बोलना चाहता.हमें नोटिस मिला.हमने जवाब दिया.पार्टी जो भी सज़ा देगी उसे मुकरर करेगी,स्वीकार करेगी.लेकिन किसी भी सूरत में पार्टी को नुकसान नहीं होने देंगे.


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गहलोत ने नहीं की कोई गलत बात


उन्होंने कहा कि हाईकमान के आदेश की पालना करेंगे, पीएम राजस्थान आए, उनका मान सम्मान किया. मैं नहीं समझता मुख्यमंत्री ने कोई गलत बात नहीं की.ये गांधी जी,पंडित नेहरू जी की विरासत है.मैं पार्टी की एडवाइजरी से बंधा हुआ हूं.जिस विनम्रता के साथ सीएम ने आलाकमान से माफी मांगी,उससे उनका कद और बढ़ गया. विनम्रता के मामले में अशोक गहलोत के अलावा कोई नेता नहीं.


गौरतलब हे कि पायलट ने अशोक गहलोत का बिना नाम कटाक्ष करते हुए कहा कि कल प्रधानमंत्री ने जिस तरीक़े से बड़ा या की है वो दिलचस्प है इससे पहले इसी तरह की तारीफ़ में राज्यसभा में ग़ुलाम नबी आज़ाद की सुनी थी और उसके बाद क्या हुआ वो सबके सामने हैं.


सचिन पायलट ने ये भी कहा कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के समय जिन नेताओं ने अनुशासनहीनता की थी. उन नेताओं पर अब कार्रवाई का वक्त आ गया है. सचिन पायलट ने कहा कि जहां तक राजस्थान के अंदर की बात है. 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. वो हुई नहीं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद सोनिया गांधी से माफी मांगी थी. उन सब का संज्ञान लेने के बाद पार्टी ने इसे अनुशासन माना और 3 लोगों को नोटिस दिए गए. हमारी पार्टी अनुशासित है इस पार्टी में हम सबके लिए नियम कायदे बराबर है. जो नोटिस दिया गया है उसके जवाब मांगे गए हैं. उस पर भी शीघ्र निर्णय लिए जाने चाहिए.


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