Rajasthan Political News: राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सोमवार को शुरू हुआ गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा. कांग्रेस विधायकों ने रातभर सदन में धरना दिया. मंगलवार सुबह 11 बजे जैसे ही विधानसभा शुरू हुई, कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. मंत्री जोगाराम पटेल के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की. 


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प्रश्नकाल में 46 मिनट में ही सवाल जवाब खत्म
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष से कहा कि जिस विधानसभा सदस्य को निलंबित किया गया है, उसे बाहर भेजे, लेकिन कांग्रेस के विधायक नारेबाजी करते रहे. विपक्ष के हंगामे और शोरगुल के बीच प्रश्नकाल चला. इस दौरान कांग्रेस विधायकों के सवाल नहीं पूछने के कारण एक घंटे के प्रश्नकाल में 46 मिनट में ही सवाल जवाब खत्म हो गए. इधर शोरगुल को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. 



शोरगुल के बीच हुई कार्यवाही
इसके बाद दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विपक्ष को निलंबित मुकेश भाकर को सदन से बाहर जाने के लिए कहा. आसन की व्यवस्था को अनदेखा कर विपक्षी सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे. इधर विधानसभा में शोरगुल के बीच शेष विधायी कार्य निपटाया गया. शून्यकाल में पर्ची, स्थगन प्रस्ताव आदि पूरे हुए तो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखे गए. इसके बाद आपदा प्रबंधन की स्थिति पर चर्चा के दौरान स्पीकर वासुदेव देवनानी आसन पर थे. उन्होंने विपक्ष को चेताया कि सख्त होने पर मजबूर न करें. आसन के आदेश की पालना करें. सभी सदस्य अपनी सीट पर जाएं. 



भाकर के छह महीने के निलंबन का प्रस्ताव
सदन में विधानसभा अध्यक्ष के कहने के बावजूद विपक्षी सदस्य नहीं मानें, तो मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने प्रस्ताव रखा. गर्ग ने कहा कि सदन में जो कल से प्रतिरोध बना हुआ है वह विपक्ष के एक सदस्य की वजह से बना हुआ है. उन्होंने कहा कि कल निलंबन के बाद भी विपक्ष के सदस्य निलंबित सदस्य को संरक्षण देते रहे. मार्शल के प्रतिनिधि निलंबित सदस्य को बाहर निकालने आए, तब मुकेश भाकर ने दो प्रहरियों को काट खाया. इसमें एक महिला प्रहरी भी थी शामिल. इस सबके बीच जोगेश्वर गर्ग ने नियम 292(3) का हवाला देते हुए कहा कि निलंबित सदस्य से सदन से बाहर जाने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन प्रतिपक्ष ने संरक्षण दिया. यह अशोभनीय, असंवैधानिक है. इसके साथ ही जोगेश्वर गर्ग ने मुकेश भाकर को 6 महीने के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा. अध्यक्ष देवनानी ने मुकेश भाकर को विधानसभा से 6 महीने के लिए निलंबित किया. इसके बाद सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. 



यह था पूरा मामला 
दरअसल, सोमवार को विधि और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम के बेटे को अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाने को लेकर विधानसभा में हंगामा शुरू हुआ. बाद में हंगामा विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की तरफ गलत इशारे करके दुर्व्यवहार करने के आरोप के साथ मुकेश भाकर को विधानसभा के बजट सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया था. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के प्रस्ताव लाने के बाद भाकर को बाहर निकालने के निर्देश के बाद सदन में हंगामा की स्थिति बन गई. स्थिति बिगड़े की विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन की के कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई थी. हंगामे के बीच मार्शल को कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को बाहर निकालने ने लिए कहा गया, लेकिन कांग्रेस महिला और अन्य विधायकों ने उन्हें घेर कर बीच में बैठा लिया. इसके बाद मार्शल के साथ विधानसभा के सुरक्षा प्रहरियों और कांग्रेस विधायकों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी. विधानसभा अध्यक्ष के इस आदेश पर कांग्रेस विधायक भी इस कदर नाराज हुए की उन्होंने विधानसभा के अंदर सदन में ही अनिश्चितकाल के लिए धरना शुरू कर दिया था.



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