Jaipur: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए राजस्थान के चिकित्सकीय आधारभूत ढांचे को और मजबूत किया जा रहा है. ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट (Oxygen Generation Plant) की स्थापना के लिए विशेष पैकेज के तहत एक करोड़ से अधिक पर निवेश करने पर 25 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख) की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मेडिकल ऑक्सीजन में आत्मनिर्भरता हेतु 40 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक उपलब्ध करवाया गया है. साथ ही 450 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट तैयार कर लिए हैं और 31 नए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक का कार्य प्रक्रियाधीन है. सभी जिला मुख्यालयों पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाने की योजना है. अब तक 18 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक (Liquid Medical Oxygen Storage Tank) स्थापित किए जा चुके है.


चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन सर्पोटेड बैड्स की संख्या बढाकर लगभग 60 हजार बैड का लक्ष्य निर्धारित है. राजस्थान में 18 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा रहा है.


यह भी पढ़ें- Rajasthan: कोरोना की नई गाइडलाइन जारी, जयपुर में 8वीं तक के स्कूल बंद, जानिए पूरा नियम


राजस्थान में 3 नवम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत घर-घर जाकर कोविड की प्रथम व द्वितीय डोज से वंचित लोगों की पहचान कर वैक्सीनेशन किया गया. राजस्थान में कोविड वायरस के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’(Omicron) न फैले इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी सतर्कता एवं चौकसी बरती जा रही है. एयरपोर्ट पर अन्य देशों से आने वाले यात्रियों का अधिक से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) किया जा रहा है. साथ ही सभी पॉजिटिव रोगियों की जिनोम सिक्वेन्सिंग कराई जा रही है. जिन लोगों में संक्रमण मिला है, उनकी सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है. 


ओमिक्रॉन से संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पतालों में अलग से आईसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं.