Jaipur: राजस्थान के जयपुर में सी-स्कीम स्थित मस्जिद रेजीडेंसी में नई कमेटी के विरोध का मामला थाने तक जा पहुंचा है. पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों को पाबंदी के नोटिस जारी करवाए हैं. इसमें 70 साल से लेकर 87 साल तक के बुजुर्गों को भी नोटिस थमा दिए, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है.


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राजस्थान वक्फ बोर्ड ने अन्य मस्जिदों की कमेटियों की तरह ही रेजीडेंसी मजिस्द कमेटी को भी बदल दिया. नई कमेटी में लगाए गए सदर, सचिव और सदस्यों को लेकर विवाद शुरू हो गया. नई कमेटी के विरोध में लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है. जी राजस्थान के कार्यालय पहुंचे बुजुर्गों और महिलाओं ने आरोप लगाया कि मस्जिद में बाहरी इलाकों में रहने वाले अपराधी प्रवृति के लोगों को कमेटी में शामिल किया गया है. 


साथ ही स्थानीय निवासी जो पिछले 70 साल से इस मस्जिद की सेवा और सुरक्षा करते आए हैं, उन्हें दरकिनार कर दिया. मस्जिद के साथ एक मदरसा भी चलता है, उस जगह व्यावसायिक गतिविधियां शुरू करने की बात की जा रही है. इस बात का विरोध कर रहे हैं तो उन्हें नोटिस थमाए जा रहे हैं, पुलिस के जरिए थाने से पाबंद कराया जा रहा है. लोगों ने कहा कि कितनी भी पाबंदियां लगा लें, लेकिन वो मस्जिद में खिदमत करना नहीं छोड़ेंगे। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष उन्हें पुलिस के जरिए परेशान करवा रहे हैं.


बता दें कि इधर नई कमेटी के विरोध में न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी बराबर सड़क पर उतरी हुई है. महिलाओं का कहना है कि मदरसे में उनके बच्चे पढ़ते हैं, जिसने मदरसा बंद करने के लिए जेडीए में अर्जी लगाई थी, उसे ही नई कमेटी का सदर बना दिया. दस सप्ताह से लगातार विरोध कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. समाधान निकालने के बजाय बुजुर्गों को डराया धमकाया जा रहा है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.


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