PHED  Corruption News: पिछले कुछ दिनों से राजस्थान का जलदाय विभाग लगातार करोंड़ो के भष्ट्राचार के मामले को लेकर सुर्खियों में छाया हुआ है. इसके बाद गुरूवार को एक ओर सनसनीखेज मामला PHED विभाग का सामने आया है. जिससे पूरे महकमें में हलचले बढ़ गई है. यह मामला एरियर भुगतान और मृत कर्मचारियों के वेतन से जुड़ा हुआ है. जिसमें  करोड़ों के गबन का मामला  सामने आया है. 


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यह फर्जीवाड़ा जवाहर नगर के PHED कार्यालय के सहायक अभियंता  के जरिए किया गया है. इस फर्जीवाड़े में  24 लोगों की भूमिका उजागर हुई  है. जिनमें से चार लोगों की अब मौत हो चुकी है. वहीं मामला उजागर होने के बाद ACB ने बाकि बचे 20 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. 


जिसमें सहायक अभियंता, बिल लिपिक, संस्थापन लिपिक सहायक, मीटर निरीक्षक , तत्कालीन सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार वर्मा, विजय पारीक, रजनीश बैरवा, तत्कालीन बिल लिपिक दीपक कुमार विजयवर्गीय, तत्कालीन संस्थापन लिपिक ज्ञानचंद मीणा, तत्कालीन सहायक रमेश चंद मीणा, पप्पू लाल, सुवालाल, किशन शर्मा, जगदीश नारायण मीणा, श्योराम मीणा गोविंद सिंह, सेवाराम, लक्ष्मण,  निरीक्षक कैलाश, फोरमैन छोटूराम मीणा, पंप चालक बद्री लाल मीणा, सीताराम, कजोड़,  प्राइवेट व्यक्ति गिर्राज मीणा के शामिल होने की बात सामने आई है.  बताया जा रहा है कि इन आरोपियों के जरिए तकरीबन 1.40 करोड़ रुपए का गबन किया गया है. 
 ACB की जांच में सामने आया है कि इस घोटाले की शिकायत उन्हें राजस्थान संपर्क पोर्टल पर 2018 में प्राप्त हुई थी, जिसके बाद अब FIR दर्ज कर जांच में  एसीबी की टीम जुटी है. और वह इन सभी 20 आरोपियों से पूछताछ कर इससे जुड़े सभी तारों को खगांलने का काम करेंगी. 


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