Rajasthan News: स्कूल बसों में हमारे नौनिहालों का सफर अब और अधिक सुरक्षित होगा. परिवहन विभाग स्कूल बसों को लेकर जल्द ही  नए नियम तैयार कर रहा है. इन्हें वह जुलाई से पहले नए सत्र के साथ ही लागू करने की तैयारी में है. इन नए नियमों में स्कूल बस संचालकों और पैरेंट्स दोनों की ही जिम्मेदारियां तय की जाएंगी.


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शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं को सुरक्षित और सुलभ परिवहन साधन उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग अब नए नियम लागू करने जा रहा है. वर्ष 1998 में परिवहन विभाग के जरिए बाल वाहिनी योजना लागू की गई थी. इस योजना में कुछ जरूरी बदलाव करते हुए 29 जून 2017 को दिशा निर्देश जारी किए गए थे. अब इन दिशा निर्देशों में और भी बदलाव होने जा रहे हैं.


 दरअसल, स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए आवागमन की व्यवस्था करना स्कूल संचालकों की जिम्मेदारी होती है, लेकिन कई स्कूल संचालक परिवहन की व्यवस्था से बचते हुए इसे ठेके पर दे देते हैं. वहीं ठेके पर चलते वाहनों में नियमों की पालना नहीं होने से हादसे होने की आशंका बनी रहती है. अब इन सब मामलों में जिम्मेदारी तय की जाएगी. 


स्कूल बस संचालन के लिए कुछ नियम पहले से बने हुए हैं. इसके तहत स्कूल बस का रंग सुनहरी पीला होना जरूरी है. बस के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए. अनुबंधित बस पर 'ऑन स्कूल ड्यूटी' लिखा होना चाहिए. वैन या कैब के पीछे व साइड में 150 एमएम चौड़ाई की आड़ी पट्टी में 'बाल वाहिनी' लिखा होना चाहिए. बस, वैन, कैब, ऑटो के पीछे विद्यालय का नाम व फोन नंबर भी होना जरूरी है.


ऐसे सुरक्षित होंगी बाल वाहिनी ?


- प्रत्येक स्कूल बस में आगे व पीछे 2 कैमरे लगाए जाएंगे


- इन कैमरों की लाइव स्ट्रीमिंग स्कूल संचालक के पास होना जरूरी


- प्रत्येक बच्चा कैमरे की जद में हो, इसका डाटा रखना होगा


- हादसा होने या किसी घटना की स्थिति में पुलिस को डाटा देना होगा


- स्कूल में बच्चों के बस से उतरने-चढ़ने वाली जगह पर भी कैमरे लगाने होंगे


- स्कूल संचालक की गाड़ी नहीं होने पर भी वाहन की जिम्मेदारी संचालक की होगी


- ड्राइवर के खिलाफ बच्चों से दुर्व्यवहार या छेड़छाड़ की शिकायत होने पर हटाया जाएगा


- स्कूली ऑटो में सुरक्षा लिहाज से केवल एक तरफ का गेट खुलेगा


- ऑटो में अन्य तरफ जाली युक्त ग्रिल लगानी होंगी


- घरेलू गैस सिलेंडर लगी वैन-ऑटो को जब्त किया जाएगा


- केवल अधिकृत गैस किट लगी गाड़ियां ही संचालित हो सकेंगी


परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ द्वारा स्कूल बसों को लेकर दिशा निर्देश तय किए जा रहे हैं. सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की प्रभारी निधि सिंह और विभागीय कमेटी के दूसरे सदस्य दिशा निर्देश तय कर रहे हैं. परिवहन आयुक्त डॉ मनीषा अरोड़ा इन्हें फाइनल करेंगी और विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा. विभागीय अफसरों की मानें तो नए शैक्षणिक सत्र से इन सभी दिशा निर्देशों को लागू कर दिया जाएगा.


यह सुरक्षा मानक रहेंगे लागू


- बस के अंदर ड्राइवर का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, वाहन मालिक की डिटेल्स लिखनी होंगी


- चाइल्ड हैल्पलाइन, ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट हैल्प लाइन के नंबर लिखने होंगे


- बस, वैन ड्राइवर को इसी श्रेणी के वाहन चलाने का 5 वर्ष का अनुभव जरूरी


- स्कूली वाहन में अनिवार्य रूप से फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशामक यंत्र लगाना जरूरी


- ऑटो में ड्राइवर सीट पर स्कूली बच्चों को नहीं बिठाया जाएगा


- स्कूली वाहनों में अनिवार्य रूप से जीपीएस लगाना होगा, मॉनिटरिंग स्कूल प्रबंधन करेगा


- वाहन की फिटनेस, बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण प्रमाण पत्र अपडेटेड रखने होंगे


- 2 वर्ष में कम से कम एक बार चालकों की स्वास्थ्य जांच जरूरी होगी


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