Jaipur: करीब 5 महीने के बाद आखिरकार प्रदेश में स्कूलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने का सरकार की ओर से फैसला ले लिया गया है. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के प्रकोप को कम होने के साथ ही लगातार शिक्षण संस्थानों (Educational institutions) को खोलने की मांग उठ रही थी.


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इसके बाद सरकार की ओर से शिक्षा विभाग (Education Department), चिकित्सा विभाग (Medical Department) और एक्सपर्ट्स के साथ राय-मशवरा करने के बाद 1 सितंबर से कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को भी 1 सितंबर से 50 फीसदी की क्षमता के साथ खोलने का फैसला लिया गया है. 


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शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर सरकार की ओर से विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है-
-शिक्षण संस्थाओं में आने से पहले ही सभी विद्यार्थियों की ओर से अपने माता-पिता और अभिभावकों से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
-जो बच्चे स्कूल नहीं आना चाहते हैं, उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस यथावत जारी रहेंगी.
- सभी शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा और कैंटीन पर रोक रहेगी.
- अध्ययन अवधि और आवागमन के दौरान फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा. 
-सभी शिक्षण संस्थानों को नो मास्क, नो एंट्री की पालना करना आवश्यक होगा.


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गाइडलाइन में ध्यान देने योग्य बातें
प्रदेश में 9वीं से 12वीं कक्षा तक की सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और कोचिंग संस्थान 50 फीसदी की उपस्थिति के साथ 1 सितंबर से खोले जाने का फैसला ले लिया गया है. गृह विभाग ने गुरुवार को गाइडलाइन जारी कर दी है. शिक्षण संस्थानों को खोलने का फैसला मंत्रिमंडलीय समिति की सिफारिश और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के फैसले के बाद किया गया है. सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों के साथ शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ तथा आवागमन के लिए संचालित बस, ऑटो और कैब के चालक को 14 दिन पहले वैक्सीन की कम से कम एक खुराक अनिवार्य रूप से लेनी होगी.


प्रदेश में मार्च 2020 में कोरोना महामारी ने दी थी दस्तक
- कोरोना के चलते 20 मार्च 2020 को शिक्षण संस्थानों को बंद करने का लिया था फैसला.
- कोरोना की पहली लहर कम होने के बाद सितंबर 2020 में स्कूलों को खोलने का लिया गया था फैसला. 
-21 सितंबर 2020 से कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने का लिया गया था फैसला. 
-दूसरी लहर के बाद अप्रैल 2021 के अंतिम सप्ताह में फिर से शिक्षण संस्थानों को किया गया था बंद.


स्टाफ और बच्चों को माननी होंगी ये शर्तें
इसके साथ ही प्रदेश के सभी कोचिंग संस्थान अपने शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ के व्यक्ति की दोनों खुराक की अनिवार्यता के साथ खोले जाएंगे. इन कोचिंग संस्थानों की ओर से ई-इंटीमेशन के माध्यम से ऑनलाइन वेब पोर्टल पर संस्थान मैं बैठक क्षमता एवं कुल स्टाफ तथा कर्मचारियों के प्रतिशत वैक्सीनेशन की सूचना अपलोड करनी होगी. नियमित कक्षाओं के अध्ययन के लिए छात्रों की बैठक व्यवस्था को लेकर भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. 


प्रत्येक कक्ष में छात्रों की उपस्थिति की क्षमता के 50 फीसदी से अधिक नहीं होगी. इसके साथ ही ऑनलाइन अध्यापन (Online Teaching) को प्रोत्साहित किया जाएगा. कक्षा 1 से 8 तक की नियमित शिक्षण गतिविधियां अगले आदेश तक केवल ऑनलाइन माध्यम से ही संचालित होगी. साथ ही कक्षा 9 से 12वीं तक के जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आना चाहते हैं या उनके अभिभावक स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. ऐसे विद्यार्थियों के अभिभावकों द्वारा स्कूल में लिखित में दिया जाएगा. इसके बाद इन विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं भी यथावत जारी रखने के सरकार की ओर से आदेश दिए गए हैं.