कड़ी मशक्कत के बाद राजस्थान को छत्तीसगढ़ से मिलने लगा कोयला, प्लांटों की स्थिति सुधरी
लंबी जद्दोजहद और तकनीकी पेंच सुधरने के बाद राजस्थान को छत्तीसगढ़ से कोयला मिलने लगा है. पारसा कोल ब्लॉक से फिलहाल 4 से 5 रैक रोजाना मिल रही है.
जयपुर: लंबी जद्दोजहद और तकनीकी पेंच सुधरने के बाद राजस्थान को छत्तीसगढ़ से कोयला मिलने लगा है. पारसा कोल ब्लॉक से फिलहाल 4 से 5 रैक रोजाना मिल रही है. इसे बढ़ाकर 10 रैक करना है.वर्तमान में 10 हजार टन कोयला मिल रहा है, इसे 40 हजार टन तक लाने की कोशिश की जा रही है.
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सीएमडी आरके शर्मा छत्तीसगढ़ दौरे पर है.खनन प्रक्रिया में तेजी लाने में आ रही अड़चनों को दूर करने के प्रयास हो रहे है.आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल, मुख्य सचिव और सीएम सचिव से मुलाक़ात कर प्रशासनिक सहयोग पर चर्चा करेंगे.
छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं RVUNL के सीएमडी
RVUNL के सीएमडी आरके शर्मा ने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान अंबिकापुर में निगम की खदानों का दौरा किया. इस दौरान सरगुजा जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक पुलिस महानिरीक्षक से मुलाकात कर खनन क्षेत्र में कानून व्यवस्था और प्रसाशनिक सहयोग मांगा है. खनन प्रक्रिया शुरू होने से राजस्थान के कोल ब्लॉक्स को अच्छी क्वालिटी का कोयला मिल सकेगा.
सीएम गहलोत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं पत्र
गौरतलब है कि बिजली संकट के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी आवंटित खदान के मामले में कमान अपने हाथ में ली.उन्होंने इस मामले में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो बार पत्र लिखे. यहां तक की उच्च स्तर पर बात भी की.गहलोत ने पत्र में साफ लिखा था कि यदि तकनीकी पेच जल्द नहीं सुलझा तो कोयला खनन बंद होने की आशंका बनेगी.