क्रेड‍िट ग्रोथ बढ़ाने के ल‍िए सरकारी बैंक उठाएंगे कदम, नए प्रोडक्‍ट लाने पर जोर
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क्रेड‍िट ग्रोथ बढ़ाने के ल‍िए सरकारी बैंक उठाएंगे कदम, नए प्रोडक्‍ट लाने पर जोर

PSU Banks Product: नागराजू ने कहा कि हालांकि बैंक क्षेत्र मजबूत है, बढ़ती डिजिटल फ्रॉड फाइनेंश‍ियल सेक्‍टर की स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रही है. बैंकों को इस चुनौती से निपटने पर फोकस करना चाहिए.

 

क्रेड‍िट ग्रोथ बढ़ाने के ल‍िए सरकारी बैंक उठाएंगे कदम, नए प्रोडक्‍ट लाने पर जोर

PSU Banks Product: नागराजू ने कहा कि हालांकि बैंक क्षेत्र मजबूत है, बढ़ती डिजिटल फ्रॉड फाइनेंश‍ियल सेक्‍टर की स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रही है. बैंकों को इस चुनौती से निपटने पर फोकस करना चाहिए.

  1. Credit Growth: वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजु ने कहा कि पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंक अगले कुछ महीने में कर्ज वृद्धि में सुधार के लिए नए प्रोडक्‍ट पेश करेंगे. उन्होंने कहा, 'हम वास्तव में कर्ज वृद्धि के ल‍िये प्रतिबद्ध हैं और जितना संभव हो सके हम उतना क्रेडिट बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि हमारे पास बड़ी संख्या में युवा हैं.' उन्होंने सीआईआई की तरफ से आयोजित वित्तीय समावेशन और फिनटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.
  2. एक नये ‘क्रेडिट मॉडल’ की घोषणा भी शामिल
  3. नागराजू ने कहा कि पब्‍ल‍िक सेक्‍टर के बैंक एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) समेत सभी क्षेत्रों के लिए कर्ज बढ़ाने को लेकर अगले तीन-चार महीने में नए प्रोडक्‍ट लाने जा रहे हैं. सरकार ने पिछले कुछ साल में छोटे कर्जदारों के लिए कर्ज मुहैया कराने में सुधार के लिए पहले ही कई कदम उठाए हैं. इसमें बिना किसी पिछले वित्तीय रिकॉर्ड वाले उधारकर्ताओं को लोन देने के लिए बजट में एक नये ‘क्रेडिट मॉडल’ की घोषणा भी शामिल है.
  4. डिजिटल फ्रॉड फाइनेंश‍ियल सेक्‍टर के लिए खतरा
    नागराजू ने कहा कि हालांकि बैंक क्षेत्र मजबूत है, बढ़ती डिजिटल फ्रॉड फाइनेंश‍ियल सेक्‍टर की स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रही है. बैंकों को इस चुनौती से निपटने पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिजिटल इनोवेशन और फाइनेंश‍ियल ल‍िटरेसी दोनों ही इसे कम करने में मदद करेंगे. कार्यक्रम के दौरान नागराजू ने यह भी कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किए गए बैंकिंग संशोधन विधेयक को मौजूदा शीतकालीन सत्र में आगे बढ़ाया जाएगा. संशोधन विधेयक का मकसद बैंक नियमों में बदलाव लाना है.
  5. स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश
    इस व‍िधेयक का मकसद निदेशकों के लिए हितों को फिर से तय करना, बैंक जमा के लिए नॉ‍म‍िनेट‍िड लोगों की संख्या बढ़ाना और अनुपालन रिपोर्टिंग तिथियों को बदलना शामिल है. उन्होंने फाइनेंश‍ियल टेक्‍नोलॉजी पर कहा कि स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है और इस क्षेत्र में करीब 13,000 ऐसी इकाइयां काम कर रही हैं. सरकार वित्तीय समावेश लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए विशेष रूप से कम पहुंच वाले क्षेत्रों में वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fintech) उद्योग के साथ मिलकर काम कर रही है.
  6. उन्होंने कहा, ‘सरकार कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने और फिनटेक कंपनियों के लिए अनुपालन बोझ को कम करने को लेकर अलग -अलग लेवल पर प्रयास कर रही है.’ वित्तीय सेवा सचिव ने फिनटेक इंडस्‍ट्री को एक सुविधाजनक परिवेश प्रदान करने को लेकर सरकार के निरंतर प्रयासों का जिक्र किया. इसमें मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा और पीएम सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं, जो उद्योग के लिए बड़े अवसर ला सकती हैं.
  7. इस मौके पर नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) के चेयरमैन शाजी केवी ने विशेष रूप से रूरल इकोनॉमी में ज्‍यादा लोकतांत्रिक तरीके से तकनीकी परिवर्तन लाने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि जहां बड़े बैंकों को अधिक डिजिटलीकरण से फायदा हुआ है, वहीं सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को डिजिटलीकरण का उतना फायदा नहीं मिला है. शाजी ने कहा कि इन बैंकों के पास नई प्रौद्योगिकियों में निवेश करने के लिए पर्याप्त धन नहीं हो सकता है, ऐसे में यह जरूरी है क‍ि सभी संबंधित पक्ष क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों को नए डिजिटल प्रयासों में शामिल करने के लिए अधिक प्रयास करें.’ (इनपुट भाषा) 

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