राजस्थान में करीब 150 कैदी लेंगे खुली हवा में सांस, समय पूर्व होगी रिहाई, जानें वजह
आजादी के अमृत महोत्सव जेलों में बंद कैदियों के लिए भी खुशी की खबर लेकर लेकर आया है. आजादी के 75वें साल पर कैदियों को माफी योजना के तहत रिहा किया जाएगा. राजस्थान से लगभग 150 कैदियों को रिहा किया जा सकता है.
Jaipur: आजादी के अमृत महोत्सव जेलों में बंद कैदियों के लिए भी खुशी की खबर लेकर लेकर आया है. आजादी के 75वें साल पर कैदियों को माफी योजना के तहत रिहा किया जाएगा. राजस्थान से लगभग 150 कैदियों को रिहा किया जा सकता है. इसको लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था. इसके बाद रिहा किए जाने वाले कैदियों की सूची को तैयार किया गया है, वहीं जिला स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इसे फाइनल किया जाएगा.
भारत सरकार आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ''आजादी का अमृत महोत्सव'' मना रही है. महोत्सव के तहत कैदियों की कुछ श्रेणियों को विशेष माफी देने और उन्हें तीन चरणों 15 अगस्त, 2022 (स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ), 26 जनवरी, 2023 (गणतन्त्र दिवस) और पुनः 15 अगस्त, 2023 में रिहा करने का प्रस्ताव है.
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सीएम गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा था पत्र
केंद्रीय गृहमंत्री शाह के अनुसार, माफी योजना का उद्देश्य कैदियों में जेल अनुशासन और सदाचरण सुनिश्चित करना है. साथ ही प्रोत्साहन के रूप में जेल से जल्दी रिहाई की संभावना का अवसर देना भी है. इससे उन्हें अपराधिक जीवन को छोड़ने और देश के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा. इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था. शाह के पत्र के बाद सीएम ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को इस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रिहा किए जाने वाले कैदियों की सूची पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है.
कैदियों की अलग-अलग श्रेणी तय
रिहा किए जाने वाले कैदियों की अलग-अलग श्रेणी तय की गई है, इसके अलावा लगातार अच्छा आचरण बनाए रखने वालों को विशेष माफी के पात्र समझा जाएगा. 50 साल से अधिक उम्र की सजायाफ्ता महिला कैदी-ट्रांसजेंडर तथा 60 वर्ष से अधिक आयु पुरुष कैदियों को रिहा किया जाएगा.
- इसमें शर्त यह है कि ये सभी कैदी अपनी सजा की 50 प्रतिशत अवधि पूरी कर चुके हैं.
- 70% और उससे अधिक दिव्यांगता वाले शारीरिक रूप से अक्षम, विकलांग सजायाफ्ता कैदी, गंभीर रूप से बीमार और 66 प्रतिशत सजा पूरी करने वाले कैदियों को रिहा किया जाएगा.
- गरीब और जरूरतमंद कैदी जिन्होंने सजा पूरी कर ली, लेकिन जुर्माना जमा नहीं करा पाने के कारण रिहा नहीं किए गए.
- 18-21 वर्ष की आयु में अपराध करने तथा फिर कोई अपराध नहीं करने वालों को रिहा किया जाएगा.
- गंभीर और जघन्य अपराधों की कुछ श्रेणियों के लिए दोषी ठहराए गए कैदी विशेष छूट के पात्र नहीं होंगे.
- सजायाफ्ता की उम्र की गणना मेटिकलेशन प्रमाणपत्र या जन्म प्रमाणपत्र से की जाएगी.
- कारागार अधीक्षक आयु के सही होने की सत्यता को सुनिश्चित करेगा.
इन कैदियों को नहीं मिलेगी विशेष माफी
- मृत्युदंड की सजा, आजीवन कारावास प्राप्त कैदी, आतंकवादी, टाडा, पोटा, एनएसए, शासकीय गुप्त बात अधिनियम, हाईजैक कैदी नहीं छोड़े जा सकेंगे.
- दहेज हत्या, जाली नोट, बलात्कार, मानव तस्करी और यौन अपराधियों, वैश्यावृत्ति, फेमा, कालाधन, मादक पदार्थों अवैध व्यापार करने वाले अपराधियों, भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ा जाएगा.
- भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की प्रविष्टि 4 के अनुसार, ''कारागार और उसमें बंद कैदी राज्य-सूची के विषय है. इसलिए राज्य सरकारों को पात्र कैदियों की जांच करने के लिए राज्य स्तरीय जाँच समिति गठित की गई है.
- राज्य सरकार जेल से समय पूर्व रिहाई की सभी सिफारिशों की जांच करेगी. राज्य सरकार समिति की रिपोर्ट राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजकर रिपोर्ट मांगी है.
- विदेशी नागरिक सिद्धदोष अपराधियों को विदेश मंत्रालय की सहमात से रिहा किया जाएगा.
- राज्यपाल को सिफारिशें भेजने से पहले विदेशी नागरिकों के मामलों को गृह मंत्रालय का विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी.