Jaipur News : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने महंगाई राहत शिविरों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि इस सरकार के 6 महीने का कार्यकाल शेष रह गया है और अब उसे महंगाई से राहत की याद आई है.


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जबकि सरकार का चुनावी घोषणा पत्र जिसे सरकारी दस्तावेज भी बनाए गया था. उसमें लोगों को महंगाई से राहत दिलाने का उल्लेख किया गया था. अब शुरू किए हुए राहत कैंप तो देर आए दुरुस्त आए.


पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए कहा था लेकिन क्या हुआ ? राठौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार को अपनों से ही राहत नहीं मिल पा रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और कई विधायक सरकार को कठघरे में खड़े करते आ रहे हैं. सरकार सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ये कैंप लगा रही है. भरी धूप में बुलाकर लोगों को रजिस्ट्रेशन के नाम पर परेशान किया जाएगा.


नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बजट में जो घोषणा की जाती है, वो स्वत: एक अप्रैल से लागू हो जाती है. सरकार ने 1 अप्रैल से लागू होने वाली योजनाओं की तारीख बढ़ाई. स्मार्टफोन देने की बात कही है, पहले भी घोषणा की थी लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाई. मोबाइल फोन के लिए 13330 करोड़ की आवश्यकता है.


बिना बजट की घोषणा से सरकार अपने खोए हुए जनाधार को खोजने की कोशिश कर रही है. जो योजनाएं 1 अप्रैल से शुरू हो जाती, उन्हें महंगाई राहत का नाम देकर लागू करने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री अपने नाम से मुख्यमंत्री कार्ड देने का प्रयास कर रहे है. सरकार इस गर्मी में भीड़ इकट्ठी कर रही है. 


उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इन कैम्पों की जिम्मेदारी देने के मामले को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार इन कैंपों का कांग्रेसीकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई से राहत की बात कर रही है.


मगर देश में सबसे महंगी औद्योगिक बिजली और पेट्रोल डीजल पर सर्वाधिक वैट राजस्थान में है. इससे बढ़िया होता कि सरकार भ्रष्टाचार को कम करके आमजन को राहत प्रदान करती.


राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी घेरा. उन्होंने कहा कि 19 महीने तक पायलट उपमुख्यमंत्री रहे और विधानसभा में हर विधायक को बोलने का मौका दिया जाता है, ऐसे में वो चुप क्यों रहे. कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना के जरिए वह अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं.