जयपुर: राज्य विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सरकार पर तंज करते हुए कहा कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 की पहली पारी का पेपर निरस्त होना, कमजोर गहलोत सरकार व प्रशासन की नाकामी का एक और प्रमाण है. गहलोत शासन में बेखौफ पेपर माफिया समूचे परीक्षा तंत्र इस कदर हावी हो चुका है कि अब राज्य में निष्पक्ष व पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं संपन्न होना असंभव है.


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उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला कि राजस्थान में वनरक्षक, रीट, कांस्टेबल, लाइब्रेरियन भर्ती,एलडीसी और जेईएन जैसी दर्जनों भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक की घटनाएं सामने आ चुकी है जो सरकार के माथे पर कलंक है. दुर्भाग्य है कि मेहनती व मेधावी युवाओं के सपने को तोड़ने वाले भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं.


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राठौड़ ने लिखा कि सरकार ने सदन में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक-2022 भी पारित किया था जिसके बाद भी पेपर लीक हो रहे हैं, परीक्षा रद्द होने से परिश्रमी व मेधावी परीक्षार्थियों का मनोबल टूट रहा है और जिम्मेदार बेफिक्र है. पेपर लीक होने पर आरोपियों को पकड़ने के लिए कोई एक्शन नहीं लिया जाता. सरकार को माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी.


गहलोत सरकार में पेपर लीक परंपरा बनी- राठौड़


राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार में भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक होना अब परंपरा बन गया है. हर भर्ती परीक्षा का पेपर पहले ही लीक हो जाना प्रशासनिक गठजोड़ के बिना संभव नहीं है तथा इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि पेपर लीक के तार ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों से जुड़े हो सकते हैं. मुखिया अशोक गहलोत जवाब दें कि आखिर कब तक पेपर लीक होता रहेगा ? सरकार को अब तक हुए सभी पेपर लीक मामलों की सीबीआई से जांच करवानी चाहिए.