Rakshabandhan 2022 : रक्षाबंधन इस बार 11 अगस्त को मनाया जाएगा, लेकिन राखी पर अशुभ भद्रा योग का साया है. पूर्णिमा तिथि इस दिन सुबह 9:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 7:18 बजे तक रहने वाली है. इस दौरान भद्रा योग भी शुरू हो जाएगा, जो रात 8:27 बजे तक रहेगा. ये वो समय है जब आपको राखी नहीं बांधनी हैं.


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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा योग समाप्त होने पर राखी बंधवाएं और ज्यादा जरूरी हो तो प्रदोषकाल में शुभ, लाभ, अमृत में से कोई एक चौघड़िया देखकर राखी बंधवा सकते हैं. इस दिन भद्रा का अशुभ योग है तो आयुष्मान, सौभाग्य, रवि और शोभन जैसे शुभ योग भी बन रहे है जो अशुभता को समाप्त कर देंगे.


क्या होता है भद्रा योग
सूर्य और छाया की पुत्री भद्रा शनि की बहन है. भद्रा को कुरूप और भक्षण प्रवृत्ति का बताया गया है. मान्यता है कि भद्रा जन्म के समय ही सृष्टि का विनाश करने पर उतारू थी. उसे ब्रह्मा ने शांत कर 7वें करण में स्थान दिलाया था. तब से इस योग में रक्षाबंधन और अन्य शुभ काम नहीं किये जाते हैं.


रक्षाबंधन पर भद्रा योग से पहले रखें ध्यान
भद्राकाल में अपने भाई को राखी ना बांधे ये एक अशुभ योग होता है. बहुत जरूरी होने पर प्रदोषकाल में शाम 6 से 7:30 बजे के बीच राखी बंधवाई जा सकती है. वैसे भद्रा का पुच्छकाल शाम 5:17 बजे से शाम 6.18 बजे तक रहने वाला है. क्योंकि इस दौरान भद्रा का प्रभाव कम रहेगा. शिव पंचांग के अनुसार भद्रा 11 अगस्त को दोपहर 2:38 बजे तक ही है. इसके बाद राखी बंधवाई जा सकती है.


शुभ मुहूर्त और विशेष विधि
पूर्णिमा तिथि 12 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक है. इसलिए 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाया जाना उचित माना जा रहा है. वैसे ज्यादातर पंचांगों में भद्रा गुरुवार रात 8:27 बजे तक बतायी गयी है. पंडितों के अनुसार राखी बंधवाने से पहले दीप जलाकर उसे साक्षी बनाएं और फिर अपना मुंह उत्तर-पूर्व की ओर करें.


रक्षाबंधन पर इस बार चार योग
11 अगस्त को सूर्योदय से दोपहर 3:31 बजे तक आयुष्मान योग होगा. सुबह 5:30 बजे से शाम 6:53 बजे तक रवि योग है. इसी दिन दोपहर 3:32 बजे से शुक्रवार सुबह 11:33 बजे तक सौभाग्य योग है. साथ ही रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग भी बन गया है.


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