Garuda puran Punishments: 'कर्म ही पूजा है' यह वह लाइन है, जो कि हर मनुष्य़ बचपन से ही सुनता आ रहा है. कर्म ही मनुष्य के सुख-दुख का निर्धारण करते हैं. इन्हीं से पता चलता है कि वह तरक्की करेगा या उसका पतन होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उसी तरह से गरुड़ पुराण में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि कर्म ही इंसान की मौत के बाद निर्धारित करते हैं कि वह नर्क जाएगा या फिर स्वर्ग के सुखों की प्राप्ति होगी. धार्मिक ग्रंथों में गरुड़ पुराण का अलग ही महत्व है. इसके अनुसार कर्म ही प्रधान है. गरुड़ पुराण के मुताबिक, अच्छे और सत्कर्म करने वाले को स्वर्ग और बुरे और कुकर्म करने वाले को नर्क में भेजा जाता है.


यह भी पढ़ें- पुरुषों को 'गुप्त' रखनी चाहिए ये बातें, गलती से भी किसी के सामने न करें जिक्र, हो जाएंगे बर्बाद


शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, मनुष्य की मौत के बाद उसकी एक नई यात्रा शुरू होती है. इंसान की आत्मा शरीर को त्याग कर नए सफर पर चलना शुरू करती है. ऐसे में उसे तीन मार्गों के विकल्प मिलते हैं. इन मार्गों के नाम अर्चि मार्ग, धूम मार्ग, उत्पत्ति विनाश मार्ग हैं. अर्चि मार्ग देवलोक और ब्रह्मलोक की यात्रा के लिए मान्य है. पितृलोक की यात्रा के लिए धूम मार्ग है और नर्क की यात्रा के लिए उत्पत्ति विनाश मार्ग निर्धारित किए गए हैं.


चलिए आपको बताते हैं कि रोजमर्रा की जिंदगी में आपकी कौन सी गल्तियां हैं, जो आपको नर्क की ओर तेजी से धकेलती हैं. समय रहते आपको इन बुरी हरकतों से दूर हो जाना चाहिए-


जल स्रोतों को गंदा करने वाले
अक्सर आप कहीं घूमने जाते हैं तो देखा होगा कि लोग नदी, कुएं, तालाब या किसी पोखर के पानी में गंदगी फैला देते हैं. गरुड़ पुराण में यह करना पाप माना गया है. जल स्रोतों को दूषित करना वालों के लिए गरुड़ पुराण में नर्क की सजा का प्रावधान है. जल सबको जिंदगी देता है, इसे कभी गंदा नहीं करना चाहिए.


यह भी पढ़ें- Chanakya Niti: भरी महफिल में महिलाएं हमेशा नोटिस करती हैं पुरुषों की ये आदतें, नहीं चलने देती किसी को पता


दूसरे के धन पर नजर रखने या लालची लोग
गरुड़ पुराण में लालची लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है. इसके मुताबिक, जो इंसान पराए धन पर नजर रखता हा या फिर दूसरे के गुणों में भी दोष देखे, ऐसे लोगों के लिए नर्क के रास्ते खुले होते हैं. दूसरों से जलन रखने वाले भीर नर्क ही भेजे जाते हैं. धार्मिक ग्रंथों की बुराई, साधु-संतों का अपमान भी नर्क की ओर लोगों को ले जाता है.


वृद्धों की सेवा न करने वालों को
कहते हैं कि उस घर में खुशियां बरकरार रहती हैं, जहां पर वृद्धों के चेहरे पर मुस्कान होती है. गरुड़ पुराण के अनुसार, अपने घर के ही नहीं, बाहर या कहीं भी मिलने वाले वृद्धों का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने वाले लोग मौत के बाद सीधे नर्क ही पहुंचते हैं.


सुसाइड की कोशिश करने वालों को मिलता है नर्क
कहते हैं कि कई योनियों में दुख झेलने के बाद इंसान को मनुष्य रूप मिलता है, ऐसे में बीच में किसी दुख से परेशान होकर सुसाइड जैसा कदम उठाने वालों से भगवान कभी खुश नहीं होते. वहीं, घर में आए मेहमान को मान-सम्मान या जलपान न देने वाले भी नर्क के भोगी होते हैं.


भगवान का नाम न लेने वालों को
कई बार देखा गया है कि लोग भगवान का नाम लेना नहीं पसंद करते हैं. अगर उनके पास सारे सुख हैं तो वह गलती से भी ईश्वर को याद नहीं करते हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार, ये लोग न केवल नर्क के भोगी होते हैं बल्कि इन्हें खतरनाक तरीके की यातनाएं भी दी जाती हैं.


यह भी पढ़ें- Chanakya Niti: सांप से ज्यादा जहरीले होते हैं जिंदगी में ये 3 लोग, बिना जहर उगले ही लेते हैं डस


 


झूठी गवाही देने पर
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किसी के सुसाइड, मर्डर, गर्भ हत्या या फिर किसी की अवैध कामों की झूठी गवाही देने वालों को भी नर्क जाना पड़ता है. कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए.


(Disclaimer: ऊपर दी गई सभी जानकारियां गरुड़ पुराण से मिली जानकारियों पर आधारित हैं. ZEE Rajasthan इनकी पुष्टि नहीं करता है.)