घूसखोर CEO सुरेंद्र सिंह का एकछत्र राज! टेस्टिंग में फेल बायोफ्यूल पर कार्रवाई नहीं?
राजस्थान में बायोडीजल का जितना उत्पादन नहीं होता, उससे ज्यादा ब्रिकी होना सवालों के घेरे में है. दो दिन पहले बायोफ्यूल प्राधिकरण (बीएफए) के सीईओ सुरेंद्र राठौड़ को एसीबी ने लाइसेंस रिन्यू करने के एवज में पांच लाख रुपये की घूस लेते पकड़ा है.
Jaipur: बायोडीजल मैन्यूफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूटर से लाइसेंस रिन्यू करने की एवज घूस लेने वाले बायोफ्यूल प्राधिकरण (बीएफए) के सीईओ सुरेंद्र राठौड़ को एसीबी ने तो दबोच लिया है लेकिन यह खेल बहुत बड़ा है.
दरअसल यह खेल राजस्थान में बायोडीजल के उत्पादन से लेकर उसके बिक्री तक में है. इसको लेकर तेल कंपनियों से लेकर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन लालफीताशाही तक अपनी बात पहुंचा चुकी हैं
यह भी पढ़ें- राजस्थान ACB के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई, घूसखोर CEO के घर से साढ़े 3 करोड़ से ज्यादा कैश किया बरामद
राजस्थान में बायोडीजल का जितना उत्पादन नहीं होता, उससे ज्यादा ब्रिकी होना सवालों के घेरे में है. दो दिन पहले बायोफ्यूल प्राधिकरण (बीएफए) के सीईओ सुरेंद्र राठौड़ को एसीबी ने लाइसेंस रिन्यू करने के एवज में पांच लाख रुपये की घूस लेते पकड़ा है. इतना ही नहीं, बायोडीजल से राठौड़ ने इतनी संपत्ति बना ली कि एसीबी को नोट गिनने के लिए मशीनें मंगानी पड़ी. अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में राठौड़ के घर से 3 करोड 62 लाख की नकदी मिली है.
खराब क्वालिटी का बेचा जा रहा डीजल
दरअसल इस संपत्ति के पीछे बड़ा खेल है. गुजरात समेत दूसरे राज्यों में बनी बायोफ्यूल कंपनियों से अवैध तरीके से खरीद करके उन्हें राजस्थान में मोबाइल आउटलेट (बाउजर) के जरिए बेचा जा रहा है. इससे राज्य सरकार को न केवल टैक्स का नुकसान हो रहा, बल्कि खराब क्वालिटी का डीजल बेचा जा रहा है. इसको लेकर पिछले कुछ समय से पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन की ओर से मुख्य सचिव और खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को पत्र भी लिखे गए. इसमें बायो फ्यूल प्राधिकरण के सीईओ सुरेंद्र सिंह राठौड़ की भूमिका पर सवाल उठाए थे. यही नहीं बाहर से लाए डीजल के नमूने फेल होने पर भी घूसखोर सीईओ सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने कार्यवाही के बजाए उनका बचाव किया. पंचायतीराज मंत्री रमेश मीना ने कहा की एसीबी ने कार्रवाई की है. विभागीय स्तर पर एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें जानकारी मांगी गई है कि बायोफ्यूल प्राधिकरण का जब से गठन हुआ, अब तक कितनी लाइसेंस दिए गए और कितने कितनी बार रिन्यू किए गए?
राजस्थान में 12 लाख लीटर बायोडीजल का उत्पादन
बताते हैं कि सिरोही पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 22 मार्च को मुख्य सचिव को एक लेटर लिखा, जिसमें दूसरे राज्यों से अवैध तरीके से बायोडीजल खरीदकर उसे राजस्थान में मोबाइल यूनिट्स के जरिए बेचने का आरोप लगाया. यही नहीं बाहर से जो बायोडीजल लिया जा रहा है, टेस्टिंग भी में फेल साबित हुआ है. उसके बावजूद बायो डीजल प्राधिकरण की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की. बायो डीजल प्राधिकरण के मुताबिक हर महीने राजस्थान में 12 लाख लीटर बायोडीजल का उत्पादन होता है जबकि पूरे प्रदेश में 97 मोबाइल यूनिट (बाउजर) के जरिए 58 लाख 20 हजार लीटर बायोडीजल मिश्रित फ्यूल रिटेल में बेचा जा रहा है. सवाल ये है की 46 लाख 20 हजार लीटर बायोडीजल आखिर कहां से आ रहा हैं?
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के विधि सलाहकार राजस्थान वैट स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि राठौड़ ने राजस्थान में बायो फ्यूल प्राधिकरण की ओर से धड़ल्ले से मोबाइल ऑउटलेट यूनिट्स खोलने और खुद के उपयोग के लिए स्टॉक रखने की अनुमति दी. बिक्री और स्टॉक रखने की अनुमति देने के नाम पर बड़ा खेल होने की आशंका जताई जा रही है जबकि गुजरात और महाराष्ट्र में रिटेल में बायोडीजल बेचने पर बैन है. यही नहीं, जिन मोबाइल यूनिट को रिटेल में बेचने की अनुमति दी गई, उसमें लगे पम्प और मशीनें भी विधिक माप विज्ञान विभाग से सत्यापित नहीं है. जोधपुर में पिछले दिनों जब एक ऐसी ही यूनिट को चैक किया तो उसमें ये गड़बड़ी मिली. भाटी ने बताया कि नकली और मिलावटी बायोडीजल की बिक्री पूरे राज्य में हो रही है. बायोफ्यूल प्राधिकरण अवैध बिक्री की जांच नहीं कर रहा. राज्य सरकार गुजरात की तरह बायोडीजल की खुदरा बिक्री बंद करे.
मानकों में फेल बायो फ्यूल
बहरहाल, बायो फ्यूल प्राधिकरण के सीईओ का एकछत्र राज रहा है. जोधपुर ग्रामीण के बाप और बीकानेर के शेरूना में बायोडीजल की गाडी पकड़ी गई जब उनके नमूने लिए गए तो अमानक पाए गए. इस साल जनवरी में प्रियंका ट्रांसपोर्ट कंपनी, पिण्डवाड़ा सिरोही ने अवैध तरीके से अपने परिसर में बायोडीजल के भण्डारण कर रखा था. इसके जब बायोडीजल के नमूने लिए गए और जांच करवाई तो ये तय मानक में नहीं मिलने पर फेल हो गए. इस पर जब संबंधित एसडीएम ने सुरेंद्र सिंह राठौड़ सीईओ बायोफ्यूल प्राधिकरण को पत्र लिखा तो उन्होंने कलेक्टर सिरोही को किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं करने के लिए कह दिया.