उप पंजीयक कार्यालय की टपक रही है छत, करोड़ों का राजस्व कमाने के बाद भी भवन बदहाल
पंजीयन शुल्क के रूप में करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जित करने के बाद भी बगरू उप पंजीयक कार्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस उप पंजीयक कार्यालय की छत से मामूली बरसात में ही पानी की फुहारे बहने लगती है. कार्यालय कर्मियों को छत की दरारों से टपकते पानी से बचने की जुगत करनी पड़ती है.
जयपुर: पंजीयन शुल्क के रूप में करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जित करने के बाद भी बगरू उप पंजीयक कार्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस उप पंजीयक कार्यालय की छत से मामूली बरसात में ही पानी की फुहारे बहने लगती है. कार्यालय कर्मियों को छत की दरारों से टपकते पानी से बचने की जुगत करनी पड़ती है. कार्यालय के टेबल कुर्सी और कंप्यूटर सहित अन्य सामान को बचाने के लिए होर्डिंगस का सहारा लेना पड़ता है. जब भी बरसात होती है, तब उप पंजीयक कार्यालय में पंजीयन का कार्य बंद करना पड़ता है जिससे लाखों रुपए का कामकाज प्रभावित होता है. पंजीयन कार्य बंद होने के कारण आमजन को परेशानियों का समाना करना पड़ता है.
लक्ष्य से अधिक आय फिर भी बदहाल
करोड़ों रुपए का राजस्व अर्जित करने के बाद भी विभाग इस भवन की मरम्मत के लिए बजट देने में कौताही बरत रहा है. विगत वित्तीय वर्ष 2021- 22 में बगरू उप पंजीयक कार्यालय को पंजीयन शुल्क के रूप में 11.50 करोड़ रूपए अर्जित करने का लक्ष्य दिया था इसकी एवज में इस कार्यालय की ओर से 12.50 करोड़ रूपए का राजस्व अर्जित किया गया. तय लक्ष्य से एक करोड़ रुपए अधिक आय देने के बाद भी बगरू उप पंजीयक कार्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
इस वित्तीय वर्ष में भी अब तक करीब 3 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित कर चुका है. भवन की दीवारों और छत में दरारें पड़ चुकी है. भवन की मरम्मत के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों को कई बार लिखित और मौखिक रूप से अवगत करवाया गया लेकिन इस किसी ने आज तक इस और ध्यान नहीं दिया. बहरहाल जर्जर भवन में बैठकर काम करना कर्मचारियों की मजबूरी बनी हुई है.
Reporter- Amit yadav