Annapurna Free food Packets : मंत्री-अफसर कंट्रोवर्सी के बीच अन्नपूर्णा निशुल्क फूड पैकेट योजना में कॉनफैड का रोल खत्म हो गया है. प्रदेश में कॉनफैड के जरिए अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के किट नहीं बंटेंगे. अब जिला स्तर पर अन्नपूर्णा के 30 जून तक टैंडर जारी किए जाएंगे. मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सभी जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए है. जिला कलक्टर्स को अन्नपूर्णा योजना में जिले की कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. सहकारिता विभाग मॉनिटरिंग इस योजना की मॉनिटरिंग करेगा.


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15 दिन के पब्लिकेशन के बाद टैक्नीकल,फाइनेंशियल बिड खुलेगी. जिसके बाद में राशन के किट बंट पाएंगे. अन्नपूर्णा के टैंडर को लेकर मंत्री उदयलाल आंजना और अफसरों के बीच विवाद हुआ था. सहकारिता मंत्री आंजना ने टेंडर दस्तावेजों को लेकर सवाल उठाए है. उन्होंने कहा था कि 28 अप्रैल को अन्नपूर्णा योजना के लिए कॉनफैड एमडी ने तैयार किए टेंडर दस्तावेज प्रमुख सचिव और रजिस्ट्रार को भेजे गए थे. लेकिन 1 महीने बाद भी दस्तावेज राज्य सरकार को प्रेषित नहीं किया गया.


राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में देरी के लिए कौन उत्तरदायी है? निविदा की कार्यवाही से मुझे अवगत करवाए. हालांकि इसके बाद में विभाग की मीटिंग हुई थी, जिसमें मंत्री ने फाइल को मंजूरी दी थी, लेकिन फिर से जिला स्तर पर टैंडर किए जाने पर फैसला लिया गया. लेकिन अब कॉनफैड से राज्य स्तर पर टैंडर नहीं होंगे. बल्कि हर जिले में अलग-अलग टैंडर किए जाएंगे. सीधे तौर करीब एक महीने का समय टैंडर प्रक्रिया में लगेगा. यानि जुलाई के आखिरी या अगस्त तक निशुल्क किट बंट पाएंगे. इसके अनुसार प्रत्येक पैकेट में चना दाल, चीनी, नमक एक-एक किलो, खाद्य तेल एक लीटर, मिर्ची पाउडर, धनिया पाउडर 100-100 ग्राम और हल्दी पाउडर 50 ग्राम सामग्री होगी.


लाभार्थियों को लगभग 370 रुपए प्रति पैकेट  की लागत से फूड पैकेट आपूर्ति करने पर राज्य सरकार को लगभग 392 करोड़ रुपए मासिक व्यय करना होगा. महंगाई राहत कैंप में इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े परिवारों को निःशुल्क फूड पैकेट वितरित किए जाएंगे.


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